नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को दिल्ली में ब्राजील के ऊर्जा मंत्री बेंटो अल्बुकर्क (Bento Albuquerque) से मुलाकात की और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए एथेनॉल के उपयोग और विभिन्न क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर अधिक सहयोग पर जोर दिया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, गडकरी ने ब्राजील के खान और ऊर्जा मंत्री बेंटो अल्बुकर्क के नेतृत्व में ब्राजील के व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की, जिसमें भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ चीनी, एथेनॉल और ऑटोमोबाइल उद्योगों के ब्राजील के उद्योग प्रतिनिधि शामिल थे।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ब्राजील के ऊर्जा मंत्री बेंटो अल्बुकर्क से भी मुलाकात की। दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में ब्राजील और भारत के बीच सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की। इससे पहले 20 मार्च को, नितिन गडकरी ने चीनी उत्पादकों से चीनी का उत्पादन कम करने और चीनी को एथेनॉल में बदलने का आग्रह किया, जो बदलते समय की वास्तविकताओं और राष्ट्र की जरूरतों के अनुरूप है।
The sum of the efforts of the two countries Brazil & India will contribute for bioenergy to be part of the global solutions for the energy transition, for sustainable mobility and to achieve the goals of climate neutrality in both countries.#india #brazil #ethanol #sugar https://t.co/eWI2gKytXy
— ChiniMandi (@ChiniMandi) April 21, 2022
मुंबई में, मंत्री गडकरी ने चीनी और संबद्ध उद्योगों के लिए समाचार और सूचना पोर्टल चीनीमंडी द्वारा आयोजित ‘शुगर एंड एथेनॉल इंडिया कॉन्फ्रेंस (SEIC) 2022’ को संबोधित करते हुए कहा कि, चीनी के उत्पादन को कम करना हमारे भविष्य के लिए अच्छा है। चावल, मक्का और चीनी अधिशेष से निपटने के लिए एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, अगर चीनी का उत्पादन अभी की तरह आगे बढ़ता है, तो यह आने वाले समय में चीनी उद्योग के लिए हानिकारक होगा।
मंत्री गडकरी ने बताया कि, भारत सरकार ने नागरिकों के लिए एथेनॉल भरने के लिए जैव ईंधन आउटलेट खोलने का फैसला किया है और फ्लेक्स इंजन पर कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल और रिक्शा उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने एथेनॉल निर्माण के साथ साथ चीनी मिलों को अपने मिलों और अन्य क्षेत्रों में एथेनॉल पंप खोलने के लिए कहा, जो 100% एथेनॉल से चलने वाले स्कूटर, ऑटो-रिक्शा और कार ला सकते हैं और इस प्रकार एथेनॉल की खपत को बढ़ा सकते हैं। यह प्रदूषण को कम कर सकते हैं, इंधन आयात कम हो सकता हैं और गांवों में लोगों को रोजगार भी प्रदान कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, एथेनॉल स्वच्छ ईंधन है, और हम फिलहाल 465 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि, जब ई-20 कार्यक्रम पूरा हो जाएगा, तो हमारी आवश्यकता लगभग 1,500 करोड़ लीटर हो जाएगी। इसके अलावा, आने वाले पांच वर्षों में, जब फ्लेक्स इंजन तैयार हो जाएंगे, तो एथेनॉल की आवश्यकता 4,000 करोड़ लीटर हो जाएगी।