नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में मामूली गिरावट के बावजूद सोमवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने लगातार 16वें दिन ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। हालांकि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन पेट्रोल और डीजल दोनों की दरें देश भर में रिकॉर्ड स्तर पर बनी हुई हैं। इस महीने भी ईंधन की दरें ऊंची रहने की संभावना है।
नई दिल्ली में पेट्रोल 101.84 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 107 रुपये प्रति लीटर से अधिक पर खुदरा बिक्री कर रहा है। कोलकाता और चेन्नई में कीमत 102 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बनी हुई है। कम से कम 25-30 शहर ऐसे हैं जहां पेट्रोल की कीमत तीन के आंकड़े को पार कर गई है। डीजल के दाम भी पिछले दो महीने में तेजी से बढ़े हैं। इस समय राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि मुंबई में इसकी कीमत 97 रुपये प्रति लीटर से अधिक है। कोलकाता में कीमत 93 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बनी हुई है, और चेन्नई में यह 94 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई है।
ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि ने गरीब परिवारों की घरेलू वित्तीय स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है, जो ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उच्च ईंधन की कीमतों के कारण कई आवश्यक उत्पादों की लागत में तेज वृद्धि हुई है। नागरिकों पर बोझ के बावजूद सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि, वह पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को कम करने की स्थिति में नहीं है। गौरतलब है कि भारत दुनिया में ईंधन पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाता है। यहां तक कि राज्य सरकारों ने भी साफ तौर पर कहा है कि, वे पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) को कम नहीं कर पाएंगी। ऐसी स्थिति में, केवल ओएमसी द्वारा पेट्रोल और डीजल दरों में संशोधन के माध्यम से नागरिकों को राहत मिल सकती है। हालांकि, इस तरह की संभावना पर भी पानी फिर गया है क्योंकि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं।
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