महाराष्ट्र में एक भी चीनी मिल ऐसी न हो, जो एथेनॉल का उत्पादन न करे: अमित शाह

देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके लिए कई मंत्री भी उद्योगपति को प्रोत्शाहित कर रहे है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को जागरूक कर रहे है।

मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में एक भी चीनी मिल ऐसी नहीं होनी चाहिए जो एथेनॉल का उत्पादन नहीं कर रही हो। वह पुणे में सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) कार्यालय के डिजिटल पोर्टल को लॉन्च करने के बाद एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

शाह ने कहा की सहकारी समितियों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत भारी धनराशि उपलब्ध है जिसका उपयोग डिस्टिलरी स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। प्रदेश की चीनी मिलों को ऋण सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। महाराष्ट्र में एक भी चीनी मिल ऐसी नहीं होनी चाहिए जो एथेनॉल नहीं बना रही हो। यह एक उभरता हुआ बाजार है और दरें भी इसके लिए अच्छी हैं।

उनके द्वारा लॉन्च किए गए CRCS कार्यालय के डिजिटल पोर्टल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “डिजिटल पोर्टल का उद्देश्य दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाना है। आधुनिकीकरण, पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना सहकारी क्षेत्र आगे नहीं बढ़ सकता।”

 

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  1. Tapioca also may be encouraged as one of the Raw material for the production of Bio Ethanol in non irrigated areas as rainfed crop . Agricultural inputs are minimum when compared to Sugar Cane etc .Fresh root gives 250 lit/ Ton , Dry Cipps gives 450 lit/ Ton .Water consumption is less in Agriculture compared to Cane . Throught year production of BioEthanol cane be produced . Production cost is less when compared to Cane . Internal crop is an asset to Farmer . Irrigated land yields more .China producing more Bio Ethanol . One of the cheapest source than Can .

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