मुंबई : चीनी मंडी / पीटीआई
महाराष्ट्र सरकार ने जिन्होंने सरकार द्वारा उठाए गए 1,200 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण चुकाने पर चूक कर दी है, उन सभी 11 सहकारी चीनी मिलों को नोटिस जारी किए हैं । उन्होंने कहा कि, विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं द्वारा नियंत्रित सहकारी चीनी मिलों को दिए गए ऋणों की चुकौती के कारण राज्य में कुछ जिला केंद्रीय सहकारी (डीसीसी) बैंकों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सोलापुर, वर्धा, नासिक, बुलढाणा और उस्मानाबाद की जिला बैंकों पर संकट
राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सहकारी विभाग को ‘श्वेत पत्र’ के साथ आने का निर्देश दिया है, जिसमे इन सहकारी संस्थानों द्वारा उठाए गए ऋणों की सूची और अब तक चुकाई गई रकम का ब्यौरा शामिल हो। सहकारी और विपणन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, कांग्रेस और एनसीपी के “बड़े” नेताओं द्वारा नियंत्रित 11 सहकारी चीनी मिलों को धन उधार देने के बाद राज्य की पांच डीसीसी बैंक गहरे वित्तीय संकट में हैं। जो बैंक सोलापुर, वर्धा, नासिक, बुलढाणा और उस्मानाबाद जिलों में हैं।
अधिकारी ने कहा कि, 11 सहकारी चीनी मिलों ने डीसीसी बैंकों से 1,223.93 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं किया है। इन बैंकों में अब तरलता के मुद्दे हैं और भारतीय रिजर्व बैंक से भी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, विभाग एक ‘श्वेत पत्र’ प्रकाशित करेगा, जिसमें इन सहकारी संस्थानों ने ऋण और शेयर पूंजी के रूप में कितना पैसा लिया है और भुगतान की गई कुल राशि का विवरण दिया है।
कांग्रेस और एनसीपी द्वारा धन की लुट : मुनगंटीवार
अधिकारी ने कहा की, जब हमें इस रणनीति के बारे में पता चला, तो हमने सभी सहकारी चीनी और कपड़ा मिलों को शेष शेयर पूंजी का भुगतान किया। अब हमने उन्हें पुनर्भुगतान के लिए पूछना शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा की, चीनी और कपड़ा मिलों ने राज्य सरकार से सॉफ्ट ऋण लिया है और उन्हें वापस भुगतान नहीं किया है। कांग्रेस और एनसीपी ने राज्य पर अधिकतम संख्या के लिए शासन किया। उन्होंने सहकारी क्षेत्र को भी नियंत्रित किया और ऋण राशि और उसकी ब्याज की चुकौती में देरी कर दी। लोगों को सच जानना चाहिए कि उन्होंने (कांग्रेस और एनसीपी ) राज्य के धन को कैसे लूट लिया है ।
शासन सभी मोर्चों पर असफल : सावंत
हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि ‘श्वेत पत्र’ प्रकाशित करने का निर्णय भाजपा के हताशा को दिखाता है क्योंकि इसका शासन सभी मोर्चों पर “असफल” रहा है। वे कांग्रेस की प्रतिष्ठा को खराब करना चाहते हैं। वे जानते हैं कि आने वाले चुनावों में वे सत्ता से बाहर होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए सहकारी आंदोलन के कारण लोगों को लाभ मिला । सहकारी क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी मदद की है। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए, उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र प्रकाशित करना एक “पूर्वाग्रह” कारवाई होगी। सावंत ने कहा, जो लोग जुड़े हुए हैं वे कांग्रेस से हो सकते हैं लेकिन उनका सहयोग व्यक्तिगत है। भाजपा को सरासर किसी राजनीती पार्टी पर आरोप करनेसे से बचना चाहिए।
कारवाई के पीछे भाजपा की हताशा : मलिक
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि, बीजेपी और शिवसेना चार साल से सत्ता में हैं और यदि वे विसंगतियों को पाते हैं तो वे इन सभी वर्षों का ‘श्वेत पत्र’ जारी कर सकते थे। ‘श्वेत पत्र’ जारी करने से पहले, सभी आधारहीन गपशपों को रोका जाना चाहिए। क्योंकि वे अब विपक्ष में नहीं हैं। सरकार अपनी विफलता को छिपाना चाहती है, राज्य की बर्बाद अर्थव्यवस्था, किसानों की दुर्दशा और अपूर्ण वादे पर भाजपा को राज्य के करोड़ो लोंगो को जवाब देना पड़ेगा । इससे बचने के लिए सरकार नये नये पैंतरे आजमा रहे है, ऐसा आरोप भी मलिक ने लगाया ।