प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास पहलों का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस तरह के कार्यक्रम दिल्ली के स्थान पर आजमगढ़ जैसी जगहों पर होने की दिशा में आए परिवर्तन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछड़े इलाकों में गिना जाने वाला आजमगढ़ आज विकास की नई गाथा लिख रहा है।’ ’आज आजमगढ़ से 34,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने पर सरकार पूर्ण रूप से ध्यान दे रही है। उन्होंने गन्ना सहित विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में पर्याप्त वृद्धि के बारे में कहा, ‘‘आज गन्ना किसानों के लिए एमएसपी में 8 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो 340 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।’’
हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। आज पहले की तुलना में कई गुना बढ़ी हुई MSP दी जा रही है। गन्ना किसानो के लिए भी इस साल लाभकारी मूल्य में 8 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब गन्ने का लाभकारी मूल्य 315 रुपये से बढ़कर 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। आजमगढ़ तो गन्ना बेल्ट में गिना जाता है। आप लोगों को याद है ना कि कैसे इसी उत्तर प्रदेश में जो सरकार चलाते थे न, वो गन्ना किसानों को कैसे तरसाते थे, कैसे रूलाते थे। उनका पैसा ही तरसा-तरसा कर दिया जाता था, और कभी-कभी तो मिलता भी नहीं था। ये भाजपा की सरकार है जिसने गन्ना किसानों का हजारों करोड़ का बकाया खत्म कराया है। आज गन्ना किसानों को सही समय पर गन्ने का मूल्य मिल रहा है। गन्ना किसानों की मदद के लिए सरकार ने और भी नए क्षेत्रों पर बल दिया है। पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ने से एथेनॉल बनाया जा रहा है। खेत में जो पराली है उससे बायो गैस बन रही है। इसी यूपी ने चीनी मिलों को कौड़ियों के दाम बिकते और बंद होते देखा है। अब चीनी मिलें भी शुरू हो रही हैं और गन्ना किसानों का भाग्य भी बदल रहा है। केंद्र सरकार जो पीएम किसान सम्मान निधि दे रही है, उसका लाभ भी यहां के किसानों को मिला है। अकेले आज़मगढ़ के ही करीब 8 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के 2 हजार करोड़ रुपए मिले हैं।
(With inputs from PIB)