लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने शुगर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह कमेटी चीनी मिलों के चयन, टूरिज्म की प्रक्रिया, आवागमन की व्यवस्था एवं विभागीय स्तर पर संबंधित चीनी मिलों एवं पर्यटन विभाग के साथ समन्वय आदि के संबंध में अपनी संस्तुतियां 01 माह के अन्दर प्रस्तुत करेगी।
यह जानकारी प्रमुख सचिव आबकारी श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने दी उन्होंने बताया कि गठित कमेटी में उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबन्ध निदेशक श्री विमल कुमार दुबे को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त निदेशक, उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा नामित प्रचार वैज्ञानिक, निदेशक भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्वारा नामित प्रचार वैज्ञानिक, महानिदेशक पर्यटन द्वारा नामित संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी, निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा नामित संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी, महासचिव उ0प्र0 शुगर मिल्स एसोसिएशन तथा अपर गन्ना आयुक्त शामिल हैं।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में स्थित कई चीनी मिलें अत्याधुनिक तकनीकी से सुसज्जित एवं हाईवेज से जुड़ी हुई हैं तथा उनके मिल कैम्पस भी आकर्षक साज-सज्जा से युक्त है, जिन्हें शुगर टूरिज्म हेतु पर्यटन स्थल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि ऐसी कोई व्यवस्था एवं माध्यम तैयार कर दिया जाये जिसके द्वारा इच्छुक व्यक्तियों को चीनी मिलों का भ्रमण कर चीनी उत्पादन आदि की प्रक्रिया जानना सुगम हो जाये तो न केवल लोगों का ज्ञान वर्धन होगा। साथ ही इससे चीनी उद्योग क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के बहुत से लोगों एवं दूसरे प्रदेशों से आने वाले बहुत से आगन्तुकों द्वारा चीनी मिलों का भ्रमण कर चीनी, एथनाॅल आदि के उत्पादन एवं गन्ना पेराई की प्रक्रिया को देखने समझने की जिज्ञासा रहती है किन्तु उपयुक्त माध्यम एवं स्थल का ज्ञान न होने के कारण चीनी मिलों का भ्रमण नहीं कर पाते है।