कानपूर: छात्राएं अब चीनी उद्योग में अपना करियर तलाश रही है, जो कुछ साल पहले थोड़ा मुश्किल था। नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट, कानपुर ने चीनी उद्योग के साथ मिलकर इस बदलाव को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया की, एक ओर जहां हमने चीनी इकाइयों को आश्वस्त किया कि विशेष रूप से प्रक्रिया प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, पर्यावरण प्रबंधन, दस्तावेज़ीकरण और मशीनरी डिजाइनिंग के कई कर्तव्य उनके द्वारा कुशलतापूर्वक निभाए जा सकते है, वहीं दूसरी ओर, हमने छात्राओं के बीच चीनी उद्योग में उपलब्ध अवसर के बारे में एक अभियान चलाया।
संस्थान ने इस पहलू पर कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे छात्राओं ने संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों और नौकरी की संभावनाओं के बारे में पूछताछ करना शुरू कर दिया। प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) अशोक गर्ग ने कहा, इस शैक्षणिक वर्ष में संस्थान में रिकॉर्ड 22 छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ रही है।उन्होंने कहा, अब हमारे पास ज्यादातर लड़कियां शोधार्थी हैं, जो संस्थान द्वारा शुरू की गई विभिन्न शोध परियोजनाओं में काम कर रही है।
प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने कहा, अभी भी कुछ चुनौतियां हैं और हम बड़ी चीनी कंपनियों और शीर्ष संगठनों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, कुछ प्रतिष्ठित चीनी कंपनियों, मशीनरी निर्माण कंपनियों और परामर्श फर्मों द्वारा इन छात्राओं की भर्ती एक स्वागत योग्य संकेत है।