राष्‍ट्रीय शर्करा संस्‍थान द्वारा हैंड सैनेटाइजर के निर्माण एवं गुणवत्‍ता नियंत्रण पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया

कानपुर: हैंड सैनेटाइजर के निर्माण एवं गुणवत्‍ता नियंत्रण पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्‍ट्रीय शर्करा संस्‍थान, कानपुर द्वारा आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्‍भ करते हुए संस्‍थान के निदेशक प्रो. नरेन्‍द्र मोहन ने वर्तमान में कोविड-19 के कारण उत्‍पन्‍न परिस्‍थितियों में सैनेटाइजर की उपयोगिता पर विचार व्यक्त किया। उन्‍होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से न केवल नये उद्यमी जो सैनेटाइजर से संबंधित उद्योग लगाना चाहते हैं वह, अपितु वर्तमान निर्माता भी लाभांवित होंगे। इन सैनेटाइजरों के निर्माण ने चीनी उद्योग को समाज सेवा के साथ-साथ मूल्‍यवर्धक उत्‍पाद विकसित करने का मौका दिया है।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में संस्‍थान के डा. आशुतोष बाजपेई, आचार्य शर्करा प्रोद्यौगिकी ने सैनेटाइजर की निर्माण इकाई स्‍थापना हेतु लाइसेंस प्राप्‍त करने एवं अन्‍य आधारभूत सुविधायें विकसित करने की जानकारी दी। उन्‍होंने Video के माध्‍यम से सैनेटाइजर के निर्माण में प्रयुक्‍त होंने वाली मशीनरी यथा मिक्‍सर, बोटलिंग एवं लेवलिंग प्‍लांट इत्‍यादि के बारे में समझाया। संस्‍थान की डा. सीमा परोहा, आचार्य जीव रसायन ने प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्‍न प्रकार के हैंड सैनेटाइजर जैसे एल्‍कोहल युक्‍त एवं बगैर एल्‍कोहल युक्त इत्‍यादि के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने बताया चूँकि एल्‍कोहल प्रोटीन को तत्‍काल विकृत करता है अत: यह विभिन्‍न प्रकार के जीवाणुओं को मारने में सक्षम है। ग्‍लिसराल इत्‍यादि का प्रयोग त्‍वचा को रूखेपन से बचाने के लिए करते हैं। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार के सैनेटाइजार में सुगंध हेतु अवयवों का प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए क्‍योंकि इससे एलर्जी की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। डा. सुधांशु मोहन ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मानकों के अनुसार इन हैंड सैनेटाइजर को बनाने की प्रक्रिया का वर्णन करते हुए, निर्माण एवं भण्‍डारण के दौरान ली जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। डा. विष्‍णु प्रभाकर श्रीवास्‍तव, सहायक आचार्य जैव रसायन ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मानकों के अनुरूप एल्‍कोहल युक्‍त हैंड सैनेटाइजरों के गुणवत्‍ता नियंत्रण की जानकारी देते हुए इस बात पर जोर दिया कि उत्‍पाद के साथ-साथ उत्‍पाद के निर्माण में प्रयुक्‍त होने वाले कच्‍चे माल का भी विश्‍लेषण किया जाना आवश्‍यक है। उन्‍होंने इस प्रकार के हैंड सैनेटाइजर में उपस्‍थित एल्‍कोहल की मात्रा को मापने की विभिन्‍न विधियों यथा गेलुसाक एल्‍कोहल मीटर, एल्‍कोलाइजर एवं गैस क्रोमेटोग्राफी को विस्‍तार से समझाया। उनके द्वारा इस प्रकार के हैंड सैनेटाइजरों में हाइड्रोपेरोक्‍साइड एवं ग्‍लीसरोल की मात्रा ज्ञात करने का तरीका भी समझाया। इस online प्रशिक्षण कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here