कानपुर: नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (NSI) ने एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए वैकल्पिक फीड स्टॉक विकसित करने के प्रयास में प्रमुख चीनी समूहों, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड और डालमिया भारत शुगर मिल्स लिमिटेड के सहयोग से गन्ने के साथ स्वीट सोरघम (मीठे ज्वार/sweet sorghum) की इंटरक्रॉपिंग के लिए परीक्षण करने के लिए हाथ मिलाया है। स्वीट सोरघम की पांच किस्मों, CSH22SS, SS74, SS84, फुले वसुंधरा और ICSSH28 का परीक्षण, ICAR इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च, हैदराबाद द्वारा किया गया था। जिसमे स्वीट सोरघम की औसत उपज 50-55 टन / हेक्टेयर और एथेनॉल उत्पादन लगभग 45-50 लीटर / मीट्रिक टन होने का संकेत दिया था।
नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (कानपुर) के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने कहा, अब हमने गन्ने की बुआई की दो पंक्तियों के बीच गन्ने की फसल के साथ स्वीट सोरघम की अंत:फसल के लिए परीक्षण किया है। इन चीनी कंपनियों की मदद से गोंडा और शाहजहाँपुर जिलों में स्वीट सोरघम उगाई जा रही है। एक ही खेत में स्वीट सोरघम और गन्ना उगाने से गन्ना किसानों को एक ही खेत से अधिक आय प्राप्त करने में मदद मिलेगी, प्रति हेक्टेयर भूमि से अधिक एथेनॉल प्राप्त करना भी संभव होगा। उन्होंने कहा कि, गन्ना किसान की प्रति हेक्टेयर आय में 35% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि एथेनॉल उत्पादन क्षमता में भी लगभग 30% की वृद्धि हो सकती है।
प्रोफेसर मोहन ने कहा, चुकंदर ठंडी जलवायु परिस्थितियों के लिए एक अच्छा विकल्प है, संस्थान उत्तर भारत में नवंबर से अप्रैल की अवधि के दौरान अनुकूल तापमान होने पर इसे उगाने की संभावनाएं तलाश रहा है। हमने संस्थान के खेत में तीन किस्मों, LS6, LKC2020, IISR COMP का परीक्षण किया है। चुकंदर की उपज लगभग 60-80 टन/हेक्टेयर रही है, और एथेनॉल उत्पादन भी गन्ने की तुलना में बहुत अधिक 80-100 लीटर/टन पाया गया है ।