भुवनेश्वर : चीनी मिल के पूर्व पदाधिकारियों और अन्य नेताओं ने बोलनगीर जिला स्थित विजयानंद सहकारी चीनी मिल फिर से शुरू करने की मांग पर जोर दिया है। चीनी मिल के पुनरुद्धार के लिए जादव भवन में आयोजित एक बैठक में, विभिन्न वक्ताओं ने आरोप लगाया कि, विजयानंद चीनी मिल राज्य में एकमात्र कृषि आधारित उद्योग है और इसे जानबूझकर बंद किया गया है। मिल बंद होने से राज्य के पांच जिलों के सैकड़ों किसान अपनी आजीविका कमाने से वंचित हो गए हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को तुरंत चीनी मिल शुरू करनी चाहिए।
Orissapost.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ओडिशा राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और चीनी मिल के पूर्व अध्यक्ष जगनेश्वर बाबू ने चीनी मिल पर विभिन्न विवरण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि, बंद होने के बाद भी चीनी मिल चालू हालत में है। उन्होंने आरोप लगाया कि, जब चीनी मिल चालू हालत में थी और ठीक से काम कर रही थी तो उसे बंद कर दिया गया था। चीनी मिल 2014 से बंद पड़ी है। उस पर 97 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था, जिसमें से 70 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष ऋण राशि का भुगतान किया जा सकता था। हालांकि चीनी मिल अचानक बंद कर दी गई। ओडिशा कृषि भितिका शिल्पा आंदोलन के अध्यक्ष बिपिन कुशुलिया ने कहा कि, यह मामला अब अदालत में विचाराधीन है जिसके लिए राज्य सरकार और ऋण देने वाले बैंक को एक साथ बैठना चाहिए और चीनी मिल के पुनरुद्धार पर समाधान खोजना चाहिए।