भुवनेश्वर, ओडिशा : बरगढ़ सहकारी चीनी मिलों के पुनरुद्धार के लिए पश्चिमी ओडिशा के नेताओं की मांग के बीच, राज्य सरकार ने अंततः उस मिल को बंद करने का फैसला किया है जो 2016-17 से निष्क्रिय पड़ा हुआ है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी मिल को बंद करने का निर्णय इसके प्रबंध निदेशक द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था जिसमें कहा गया था कि, मिल 2016-17 से बंद पड़ी है और इसके चलने की बहुत कम उम्मीद है।
ओडिशा सहकारी समिति अधिनियम, 1962 की धारा 72 के तहत सहकारी समितियां, ओडिशा के रजिस्ट्रार, उद्धबा चंद्र माझी ने 16 अक्टूबर, 2023 को तत्काल प्रभाव से चीनी मिल के परिसमापन के लिए एक आदेश जारी किया। माझी ने कहा, 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, चीनी मिल सहकारी समितियों के उद्देश्य को पूरा नहीं कर रही है। 31 मार्च, 2023 तक मिल का संचित घाटा बढ़कर 72.59 करोड़ रुपये हो गया है।
माझी ने कहा कि, इस साल 9 मई को चीनी मिल के प्रबंध निदेशक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनसे एक महीने के भीतर यह बताने को कहा गया था कि,मिल को बंद क्यों नहीं किया जाना चाहिए। एमडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, मिल के पुनरुद्धार की उम्मीद कम है।
माझी ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, बरगढ़, लालत कुमार लुहा को चीनी मिल का परिसमापक नियुक्त किया है।