नई दिल्ली: चीनी मंडी
तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 1 जुलाई से 30 नवंबर 2020 तक आपूर्ति के लिए 99 करोड़ लीटर इथेनॉल के लिए शुगर कंपनियों से नई निविदाएँ मंगाई है। इथेनॉल आपूर्ति से चीनी मिलों को मिलने वाले पैसों से किसानों का बकाया भुगतान कम करने में मदद मिलेगी। खैर इथेनॉल के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपको बता दे हालही में क्रूड आयल के कीमतों में गिरावट देखि गयी थी।
देश में चीनी अधिशेष से निपटने के लिए सरकार ने मिलों को चीनी इथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दी है। हालही में केंद्र सरकार ने बी- हैवी मोलासेस वाले इथेनॉल की कीमतें 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर कर दी हैं और वही दूसरी ओर सी-हैवी मोलासेस वाले इथेनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये लीटर कर दी हैं। गन्ने के रस, चीनी, चीनी सीरप से सीधे बनने वाले इथेनॉल का भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
आपको बता दे इससे पहले सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर चीनी मिलों को अधिशेष की समस्या से निपटने के लिए इथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था। भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा 13 मई, 2020 को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारत की चीनी मिलें अपने चीनी के अधिशेष स्टॉक का दीर्घकालिक समाधान कर सकती हैं। केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को ईंधन ग्रेड इथेनॉल के उत्पादन के लिए अतिरिक्त गन्ने और चीनी को डाइवर्ट करने को कहा है। चीनी का अधिशेष उत्पादन मिलों के लिए सिरदर्द बना रहा है। चीनी की बिक्री पर इसका गहरा असर होता है और कीमतें घटने लगती हैं। नतीजन इससे जुड़े सभी कारोबारियों और किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।
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