रुड़की : गन्ना किसानों के लिए ऑनलाइन पर्ची लाकर गन्ना विभाग ने काफी वाह वाही ली। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया। लेकिन ऐसा आरोप है की जैसे जैसे इसका उपयोग होने लगा है, किसानों के सामने दिक्कतें शुरु हो गई। जागरण डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक लोगों को गलत पर्चियां मिल रही है। इसमें किसी का नाम गलत है तो किसी का कोटा कम दिया गया है। किसान इसे दुरुस्त कराने के लिए गन्ना समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लक्सर और इकबालपुर में इस तरह की मुश्किलें अधिक है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की चीनी मिलों में अक्टूबर से ही पेराई सत्र आरंभ हो चुका है। लक्सर चीनी मिल में हाल ही में पेराई शुरु हुआ जबकि लिब्बरहेड़ी चीनी मिल में अगले हफ्ते पेराई की शुरूआत होगी। गन्ना किसानों को पर्चियों के एसएमएस मिलने लगे हैं।
कई किसानों ने कहा कि उनके बेसिक कोटा को कम कर दिया गया है। किसी किसी का तो यह कोटा 500 क्विटल कम किया गया है। किसानों का आरोप है कि उनकी कोई सुन नहीं रहा। वे शिकायत करें तो किसके साथ करें।
इस बीच प्राप्त खबरों के अनुसार किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने सभी समितियों में कुछ सहायता केंद्र खोले हैं। किसान यहां अपनी समस्या लेकर जा सकते हैं।
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