देहरादून, 16 मार्च: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में जहां हिमालयन पौधौं की खेती को प्रोत्साहन दे रही है वहीं मैदानी जिलों में समानांतर योजनाएँ चलाकर गन्ने की खेती को प्रोत्साहन भी दे रही है। सरकार की नीतियों में शामिल विकास आधारित निर्णयों से गन्ना किसानों और चीनी मिलों के लिए अच्छे काम हो रहे है।
प्रदेश के हरिद्वार और ऊधम सिह नगर जिलों में गन्ने की बम्बर खेती होती है। यहां के हजारों गन्ना किसान और चीनी मिलों में काम करने वाले कामगारों के हित में कार्य करते हुए सरकार ने कई निर्णय लिए है। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए गन्ना किसानों और चीनी मिलों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्दता दोहराई है। रावत ने कहा कि उत्तराखंड हिमालयन प्रदेश है। लेकिन मैदानी एरिया में गन्ने की खेती होने की वजह से तराई इलाके में सात चीनी मिलें है जिनमें गन्ना पैराई सत्र चल रहा है। पिछली सरकारों के समय इनमें से आधी मिलें बंद पडी रहती थी। हमने चीनी मिलों और गन्ना किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता में रखा है। इसकी साफ झलक आप बीते दिनों पेश किए गए आम बजट में देख सकते है। 2020 के बजट में हमने न केवल कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता में रखा बल्कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए 240 करोड़ रूपयें की राशि का अलग से प्रावधान भी किया। गन्ना किसानों के लिए आवागमन की सुविधा बहाल करने के लिए हमने बजट में ग्रामीण सडकों के लिए भी भी बजटीय प्रावधान किए है ताकि किसानों के खेत से चीनी मिलों तक आवागमन की सुविधाएं बढ़े। रावत ने कहा कि बजटीय प्रावधानों से गन्ना किसानों और चीनी मिलों को फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप पिछली सरकारों का इतिहास देखो और हमारे कार्यकाल को देखो तो अंदाज लग जाएगा कि किसानों के असली हितैषी कौन है। तत्कालीन सरकारों के दौर में किसान गन्ना के एमएसपी के लिए आंदोलन करते रहते थे। हमने समय समय पर किसान नेताओं से बात कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पहल की, उनके हित में नीतियां बनायी और चीनी मिलों को वित्तीय रूप से मजबूत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गन्ने का वाजिब दाम दिलाने के लिए पिछले साल हमने गन्ने का एमएसपी घोषित किया। जिसमें सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 317 रूपये और अगेती प्रजाति के लिए 327 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य लागू कर किसानों के हित में सरकार की प्रतिबद्दता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मिलों में गन्ना पैराई सत्र चल रहा है। ये सरकारी की किसान हितैषी नीतियों और किसानों की सरकार के प्रति आस्था का ही परिणाम है कि सूबे में बिना किसी तरह के आंदोलन के चीनी मिलें काम कर रही है और लाखों क्विटंल चीनी का उत्पादन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों में काम की रफ्तार बढ़ाने के साथ कर्मचारियों की कौशल दक्षता में सुधार करने के लिए आगामी दिनों में सरकार और निर्णय लेने वाली है।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.