हमारी उम्मीद यही है कि कमोडिटीज बहुत बड़ा सेगमेंट बन जाए देश में: श्रीराम कृष्णन, CBD, NSE

NSE पर कमोडिटी की शुरुआत हुए एक साल पूरा हो गया है। और तब से लेकर अब तक इसने अच्छा प्रदर्शन किया है।

NSE ने एक साल पहले कमोडिटी डेरिवेटिव्स बाजार में अंतर्निहित डब्ल्यूटीआई क्रूड और प्राकृतिक गैस वायदा पर विकल्प अनुबंध पेश किए हैंथे।

NSE के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने CNBC Awaaz को दिए इंटरव्यू में कमोडिटीज के लिहाज से NSE बतौर एक्सचेंज कैसा कहा है इस पर कहा की पिछला एक साल हमारा बहुत अच्छा रहा कमोडिटीज में। एक साल पहले जब हमने लच किया था तब उम्मीद यही थी कि हमारे कमोडिटीज के लिए भी सपोर्ट मिलेगी इकोसिस्टम से और जैसे हमने उम्मीद किया था उसी हिसाब से हम अभी देखेंगे तो 240 मेंबर से भी ज्यादा लाइव हो गए हैं NSE कमोडिटीज में। और क्योंकि हर एक मेंबर को लगभग डेढ़ दो महीना लग जाता है सेटअप करने के लिए, इसलिए हम 240 मेंबर्स को अगर रेडी कर पाए हैं तो बहुत बड़ा अचीवमेंट है हमारे लिए और अभी एक्टिव ट्रेडिंग चल रहा है NSE कमोडिटीज में तो हम काफी संतुष्ट है कि हम यह सब कर पाए एक साल में।

कमोडिटी बतौर एसेट क्लास को वे इस देश में वे कैसा देखते हैं इस पर उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा की कमोडिटीज को लेकर बहुत सोच विचार चलते रहता है NSE में और जब भी हम मेंबर से मिलते हैं और उनका फीडबैक लेते हैं और काफी हेजिंग के सलूशन के बारे में जब भी डिस्कशन होते हैं, तो यही होता है कि इंडिया भी इतना तेजी से आगे बढ़ रहा है इकॉनमी के मामलें में तो कई सारे सेक्टर्स में हेजिंग रिक्वायरमेंट्स बढ़ती जाएंगी। अभी जैसे प्लास्टिक्स देखिए, पेट्रो केमिकल्स देखिए या फिर रबर देखिए टायर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ते जा रहा है, कार्स का नंबर देखिए कितने कंज्यूम होते जा रहे हैं, एविएशन फ्यूल देखिए कितने एयरपोर्ट थे 10 साल पहले आज कितने एयरपोर्ट्स है, तो एविएशन फ्यूल की डिमांड बढ़ने वाली है। यह सब सेक्टर जो है ये क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस पर काफ डिपेंडेंट है, तो इनके लिए हमने क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस कांट्रैक्ट लांच किए थे एक साल पहले और आगे जाते हुए हमको लगता है कि और कई सारे सेक्टर्स उभर के तेजी से आगे बढ़ेंगे और उनके लिए भी हेजिंग सलूशन की जरूरत होगी। तो हम बहुत सारे मेंबर्स के और इंडस्ट्री रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ भी डिस्कस करते रहते हैं कि कौन से ऐसे प्रोडक्ट है कमोडिटीज में जिनका सबसे ज्यादा उपयोग होगा इकोसिस्टम के लिए और जो हमको फीडबैक मिलते रहते हैं मिलते रहता है उसके हिसाब से हम नए-नए प्रोडक्ट्स लांच करते रहेंगे।

उन्होंने आगे कहा की भारत में आज क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस फिजिकली डिलीवर करने का भी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, पर एक मोमेंट ऐसा आएगा जब क्वांटम लीप हो सकता है। तो हम ये जो तैयारी करते जा रहे हैं उस क्वांटम लीप के लिए तैयारी कर रहे हैं और हमे पूरी उम्मीद है कि वो जो समय आएगा उसके पहले हम तैयार हो जाएंगे। और जैसे कि इक्विटी डेरिवेटिव्स और इक्विटीस में भी देखा होगा कि जब वो मोमेंट आता है उसके बाद ग्रोथ बहुत फास्ट हो जाता है तो वो मोमेंट के लिए तैयारी करना है अभी इस समय और जितने ज्यादा से ज्यादा क्वांटम इको सिस्टम प्लेयर्स को लेकर आ सकते हैं सबको इकट्ठा करके एकजुट होके काम करना चाहिए क्योंकि इकॉनमी तेजी से आगे बढ़ रही है और हमको भी तेजी से आगे बढ़ना ही चाहिए।

उन्होंने कहा की, NSE पूरी तरह से कमिटेड है कमोडिटीज में, और लॉन्ग टर्म व्यू लेकर चलते हैं और इसलिए मैं तो पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बोल सकता हूं कि हम लोग तैयार हैं और कमोडिटीज इकोसिस्टम की लिए जो भी चाहिए हम डेफिनेटली इसमें कोशिश करेंगे। इकोसिस्टम का पूरा मदद करेंगे और हमारी उम्मीद यही है कि कमोडिटीज बहुत बड़ा सेगमेंट हो जाए इंडिया में।

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