बिजनौर: जनपद में रेड रॉट यानि लाल सडन रोग का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ रहा है, और इससे गन्ना उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। बढती लागत और आय में गिरावट के चलते 0238 गन्ना प्रजाति से किसानों का मोहभंग हो रहा है। इस गन्ने के खड़े खेत सूख रहे हैं। जिले में अभी भी 0238 करीब 82 प्रतिशत है। 60 प्रतिशत 0238 गन्ना प्रजाति को बदलवाना गन्ना विभाग का लक्ष्य है। 0238 में वजन ज्यादा निकलता है। अच्छी रिकवरी के कारण चीनी मिलों की पसंद है। 120 कुंतल प्रति बीघा आसानी से निकल जाता है। गन्ने का जमाव शानदार है जबकि पहले अन्य गन्ना प्रजाति 50 से 60 कुंतल प्रति बीघा निकलती थी। गन्ना विभाग इस बार बीमारी को देखते हुए जिले में करीब 60 प्रतिशत 0238 गन्ना प्रजाति को बदलवाएगा। फरवरी में गन्ना बुवाई शुरू होगी। गन्ना विभाग के अफसरों का दावा है कि इस बार करीब 60 प्रतिशत 0238 के अलावा दूसरी प्रजाति का गन्ना बुवाई कराई जाएंगी। खुद किसान भी अन्य प्रजातियों के गन्ने की बुवाई कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में 0238 गन्ना प्रजाति 2009 में रिलीज हुई । प्रचार प्रसार होने के बाद किसानों ने 2015-16 में युद्ध स्तर पर इसकी बुवाई शुरु की। वजन और रिकवरी अच्छी है। किसान के लिए इससे अच्छी प्रजाति अभी तक नहीं आई लेकिन अब किसान इसे बदलने का मन बना चुका है। जिला गन्ना अधिकारी प्रभु नरायन सिंह ने कहा की, अक्टूबर में किसानों ने 0238 के अलावा दूसरी गन्ना प्रजाति की बुवाई की है। फरवरी से शुरू होने वाली गन्ना बुवाई में करीब 60 प्रतिशत 0238 गन्ना प्रजाति को बदलवाया जाएगा। 0238 के अलावा दूसरी अच्छी गन्ना प्रजातियों की बुवाई कराई जाएंगी। इसे लेकर किसानों को जागरुक किया जाएगा। किसानों को अच्छी प्रजाति का बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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