यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये
नयी दिल्ली, आठ मार्च (PTI) देश में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में पिछले कुछ वर्ष के दौरान गिरावट देखने को मिला है। वर्ष 2005 में महिलाओं की श्रम बल में भागीदारी 36.7 प्रतिशत थी जो 2018 में गिरकर 26 प्रतिशत पर आ गयी। डिलॉयट की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
डिलॉयट ने ‘भारत में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिये लड़कियों एवं महिलाओं का सशक्तिकरण’ रिपोर्ट में कहा कि असंगठित क्षेत्र में 95 प्रतिशत यानी 19.5 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं जो या तो बेरोजगार हैं या उन्हें काम के बदले पैसा नहीं मिलता है।
रिपोर्ट में श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी कम होने का कारण गुणवत्ता युक्त शिक्षा तक पहुंच का अभाव और आर्थिक एवं सामाजिक बंधन को बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एशिया और भारत में महिलाओं एवं लड़कियों के समक्ष मुख्य चुनौतियां शिक्षा की कमी, गुणवत्तायुक्त शिक्षा की उपलब्धता का अभाव और डिजिटल विभाजन हैं जो उन्हें रोजगार योग्य कौशल पाने, श्रम बल में शामिल होने और उद्यम शुरू करने से रोकते हैं।’’
डिलॉयट ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और रानजीतिक रुकावटों से महिलाओं के लिये अवसर कम होते हैं।
रिपोर्ट में भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा और पुन: कौशल प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया गया।
रिपोर्ट में चौथी औद्योगिक क्रांति के बारे में कहा गया, ‘‘प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण और स्वचालन के उभार के दौर में यह आशंका प्रबल हो जाती है कि कम कौशल और कम वेतन वाले कार्यों में मुख्य तौर पर लगी अधिकांश महिलाओं का रोजगार प्रभावित होगा।’’
डाउनलोड करे चीनीमंडी न्यूज ऐप: http://bit.ly/ChiniMandiApp