पंजाब में पराली जलाने के 7000 से अधिक मामले सामने आए

चंडीगढ़ :राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में शुक्रवार को गेहूं की फसल के जलने की घटनाओं की संख्या 7,529 तक पहुंच गई। लुधियाना में राज्य का रिमोट सेंसिंग सेंटर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की ओर से आग की रिकॉर्डिंग कर रहा है।डेटा में कहा गया है कि, पिछले तीन दिनों में 40% से अधिक मामले (3,325) दर्ज किए गए। राज्य ने 10 मई को 1,019 मामले, 11 मई को 1,554 मामले और 12 मई को 752 मामले दर्ज किए।

रबी के मौसम में खेतों में आग लगने की बढ़ती घटनाएं पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) और राज्य के कृषि विभाग दोनों के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि पराली जलाने से प्रदूषण हो रहा है।हालांकि, पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखी गई है। 2022 में, 12 मई तक खेत में आग लगने की संख्या 13,558 थी। 2021 में इसी दिन 7,501 मामले सामने आए थे। कृषि विभाग के निदेशक गुरविंदर सिंह ने कहा, मौजूदा सीजन में देर से बारिश के कारण कटाई में देरी हुई। राज्य सरकार ने रबी सीजन में इतनी अधिक आग की उम्मीद नहीं की थी। हम किसानों को इस प्रथा से दूर रहने के लिए शिक्षित कर रहे हैं क्योंकि इससे मिट्टी के पोषक तत्वों की हानि होती है।मोगा और फिरोजपुर जिलों (जहां पर पराली जलाने के अधिकतम मामले दर्ज किए गए हैं) में टीमों को यह आकलन करने के लिए भेजा है कि कितने क्षेत्र में आग लगाई गई है, क्योंकि अब तक केवल आग लगने की संख्या के बारे में जानकारी है।

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