लाहौर : पाकिस्तान और चीन के व्यापार अधिकारियों ने चीनी उद्योग में अपने सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। इस चर्चा का लक्ष्य उच्च श्रेणी की चीनी का उत्पादन करना और इसे विश्व बाजार में निर्यात करना है। Pakistan China Joint Chamber of Commerce and Industry (PCJCCI) ने लाहौर में अपने सचिवालय में एक ‘थिंक टैंक’ सत्र आयोजित किया, जहां चीन और पाकिस्तान के विशेषज्ञों ने चीनी उद्योग में सहयोग की संभावना पर चर्चा की।
PCJCCI के अध्यक्ष मोअज्जम घुरकी ने कहा कि ‘चीनी उद्योग’ सहित कृषि क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान के बीच सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। घुरकी ने कहा, पाकिस्तान और चीन को एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि, चीन और पाकिस्तान को टिशू कल्चर, रोग मुक्त पौध और एकीकृत कीट प्रबंधन जैसी आधुनिक तकनीक और तकनीकों का उपयोग करके गन्ना उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा की यदि दोनों देश इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाते हैं तो वे दुनिया को चीनी निर्यात कर सकते हैं।
फैंग युलोंग, PCJCCI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि, कैटास ने गन्ने की अग्रणी किस्में विकसित की हैं जो बीमारियों और कीटों के खिलाफ काफी प्रतिरोधी हैं और चीनी की उपज और गुणवत्ता बढ़ा सकती हैं। जैसा कि CPEC पाकिस्तान में पूरा होने के करीब है, हम पाकिस्तान को अपनी नवीनतम कृषि तकनीक की पेशकश कर रहे हैं। हम यहां पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए काम कर रहे है। युलोंग ने कहा कि, पाकिस्तान एक पारंपरिक कृषि प्रधान देश है, लेकिन इसके कृषि क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए इसे आधुनिक बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
PCJCCI के उपाध्यक्ष हमजा खालिद ने कहा कि, पाकिस्तान का गन्ना उद्योग तब तक समृद्ध नहीं हो सकता जब तक उत्पादकों को सर्वोत्तम गन्ना किस्मों और प्रथाओं तक पहुंच नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान को चीन की मदद से गन्ना प्रजनन कार्यक्रम शुरू करना चाहिए और उसके अनुभव और विशेषज्ञता से सीखना चाहिए।पीसीजेसीसीआई अधिकारियों ने यह भी उम्मीद जताई कि, चीन और पाकिस्तान के बीच गन्ना सहयोग से दोनों देशों के लोगों के लिए अधिक नौकरियां, आय और अवसर पैदा होंगे।