इस्लामाबाद: सरकार ने पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। पीएसएमए ने एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर कहा था कि, गन्ने की कोई कमी नहीं है और 40 किलोग्राम गन्ना फसल 300 रुपये तक बेची नहीं जा रही है। उद्योग मंत्रालय और उत्पादन ने पीएसएमए पत्र के जवाब में कहा, किसानों को जारी की गई बैंक रसीद के अनुसार, गन्ना औसतन 220 रुपये के हिसाब से 40 किलो गन्ना खरीदा गया। पीएसएमए ने अपने पत्र में गन्ना उत्पादकों को सरकार की 200 रुपये से अधिक कीमतों पर गन्ना बेचने के लिए दोषी ठहराया था और इससे चीनी की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो से अधिक होने की आशंका जताई थी। हालांकि, ऑल पाकिस्तान फार्मर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष ने पीएसएमए के आरोप को सिरेसे खारिज कर दिया और कहा कि, मिलें सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही हैं।
पाकिस्तान के पंजाब के गन्ना आयुक्त के अनुसार, नवंबर में 359,000 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की गई। चीनी मिलों का आरोप है कि 15 दिनों के शुरुआती सीजन में 300,000 मीट्रिक टन चीनी का नुकसान केवल समझ से बाहर है। PSMA ने अपने पत्र में कहा था कि, सभी प्रांतों के गन्ना आयुक्त बिचौलियों को हटाने में विफल रहे हैं, जिसके कारण गन्ने का मूल्य 300 रुपये प्रति 40 किलोग्राम तक पहुंच गया।