इस्लामाबाद: चीनी मिल मालिकों के अथक प्रयासों के बावजूद, सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सैद्धांतिक रूप से चीनी के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में उछाल देखा गया है, इसलिए सरकार ने सैद्धांतिक रूप से बता दिया है कि चीनी निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी आशंका थी कि अगर चीनी के निर्यात की अनुमति दी गई तो स्थानीय बाजार में कीमतें 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती हैं। इससे पहले, चीनी उद्योग ने पाकिस्तान से दस लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सरकार से अनुमति की पैरवी शुरू कर दी थी।
पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) ने वाणिज्य मंत्री जाम कमल को एक पत्र लिखा और उनसे अनुरोध किया कि, सरकार कोटा के आधार पर 0.5 MMT की दो किस्तों में चीनी के निर्यात की अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय हित में समय पर निर्णय ले सकती है। अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देश भारत से महंगी चीनी का आयात कर रहे हैं जबकि कम माल ढुलाई के कारण पाकिस्तान को इन देशों से व्यवहार्य आयात अनुबंध प्राप्त करने में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है।
अब PSMA ने कहा है कि कपड़ा उद्योग के बाद चीनी उद्योग पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। यह कृषि, परिवहन, संबद्ध उद्योगों, थोक और खुदरा बाजारों में सालाना 800 अरब रुपये से 1,000 अरब रुपये की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यावसायिक गतिविधि उत्पन्न करता है।