पाकिस्तान: गेहूं घोटाले की जांच के बीच सरकार ने चीनी निर्यात के फैसले को टाला

इस्लामाबाद : गेहूं आयात घोटाले को लेकर पहले से ही जांच के घेरे में आई सरकार चीनी निर्यात के बारे में फैसला लेने में सावधानी बरत रही है। सरकार ने एक बार फिर चीनी निर्यात की अनुमति रोक दी, क्योंकि सरकार मंजूरी से पहले मौजूदा स्टॉक की स्थिति को व्यापक रूप से समझना चाहती है।इसने यह भी कहा कि, कई सरकारी एजेंसियों और विभागों के साथ परामर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा।

संघीय और प्रांतीय सरकारों और चीनी उद्योग के प्रतिनिधियों वाली त्रिपक्षीय संस्था चीनी सलाहकार बोर्ड (एसएबी) ने बुधवार को संघीय उद्योग और उत्पादन मंत्री राणा तनवीर हुसैन की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें संघीय वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान और पाकिस्तान चीनी मिल संघ (पीएसएमए), किसान इत्तेहाद और प्रांतीय प्रतिनिधियों सहित अन्य हितधारकों ने भी भाग लिया।

विशेष रूप से, वाणिज्य मंत्रालय, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय और उद्योग और उत्पादन मंत्रालय (एमओआईएंडपी) गेहूं आयात घोटाले के बाद जांच के घेरे में हैं, जिसने पंजाब में गेहूं उत्पादकों को काफी प्रभावित किया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को गेहूं आयात योजना में उनकी भागीदारी के संदेह में बर्खास्त कर दिया गया है।

पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) ने निर्यात के मामले की वकालत करते हुए बैठक को सूचित किया कि पाकिस्तान के पास वर्तमान में लगभग 1.5 मिलियन टन अधिशेष चीनी है, जिसे निर्यात किया जाना चाहिए। हालांकि, बैठक में शामिल एक अधिकारी ने द न्यूज को बताया कि सरकार इन आंकड़ों के साथ जाने को तैयार नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी कई बार पीएसएमए ने कमी पैदा की है और कीमतों में बढ़ोतरी की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here