पाकिस्तान: सरकार ने चीनी निर्यात की PSMA की याचिका को खारिज किया

इस्लामाबाद : सरकार ने गुरुवार को पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) की दिसंबर में 500,000 टन अतिरिक्त चीनी निर्यात करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि पहला निर्यात कोटा पूरा होने तक अनुमति नहीं दी जा सकती। उद्योग मंत्री राणा तनवीर हुसैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुगर एडवाइजरी बोर्ड ने फैसला किया कि, देश भर की सभी चीनी मिलें 21 नवंबर से गन्ना पेराई शुरू करेंगी और समय सीमा का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

बैठक के दौरान PSMA ने अतिरिक्त चीनी निर्यात की अनुमति मांगी। मिलों ने अल्पावधि में यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि चीनी उद्योग निर्यात योग्य अधिशेष पैदा करता रहे। उन्होंने कहा कि, 180 दिन की समय सीमा के साथ 500,000 टन चीनी के निर्यात की तुरंत अनुमति देना महत्वपूर्ण है। PSMA ने सरकार को यह भी प्रस्ताव दिया कि, चीन की वार्षिक आयात मांग 6 मिलियन टन है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने सरकार से सरकार-से-सरकार (जी2जी) या सरकार-से-व्यवसाय (जी2बी) समझौतों के माध्यम से निर्यात की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया।

मिलों ने कहा कि, गन्ना अधिनियम को समाप्त करके और चीनी को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाकर चीनी उद्योग को पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त किया जाना चाहिए। इससे उद्योग पूरी तरह से मुक्त बाजार के सिद्धांतों के तहत काम कर सकेगा। हालांकि, उद्योग मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार पहला निर्यात कोटा पूरा होने तक आगे की अनुमति नहीं दे सकती। बाद में, बैठक में आगामी पेराई सत्र के लिए देश भर में समग्र चीनी स्टॉक की स्थिति का जायजा लिया गया।बैठक में बताया गया कि, 21 नवंबर, 2024 तक 1 मिलियन टन चीनी स्टॉक उपलब्ध होगा। यह भी अनुमान लगाया गया कि 1 से 21 नवंबर, 2024 तक चीनी निर्यात 75,000 टन होने का अनुमान है।

बैठक में वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान ने भी भाग लिया, जिसमें गन्ना फसल के अनुमानों की भी समीक्षा की गई। बैठक में स्थानीय बाजार में चीनी की मौजूदा कीमतों पर संतोष व्यक्त किया गया। राणा तनवीर ने स्थानीय बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट के रुझान पर प्रकाश डाला। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी चीनी मिलों को 21 नवंबर से पेराई शुरू करनी होगी। बैठक में चेतावनी दी गई कि 21 नवंबर तक पेराई शुरू न करने वाली मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राणा तनवीर ने कहा कि अगर मिलें किसानों को बकाया भुगतान करने में विफल रहीं तो उनके निर्यात लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।

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