लाहौर : पंजाब सरकार ने कालाबाजारी और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए अपने प्रशासन को तीन दिनों में चीनी मिलों से स्टॉक उठाने का अधिकार दिया है। चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने की रणनीति बताने के लिए प्रांतीय गन्ना आयुक्त द्वारा सोमवार को एक अधिसूचना जारी की गई। सरकार की योजना की आधारशिला तीन दिनों में चीनी मिलों से स्टॉक उठाना शुरू करना है।करीब एक दर्जन मिलों के गोदामों में 2 लाख टन तक मौजूद चीनी के स्टॉक को संबंधित जिलों के उपायुक्त अपने कब्जे में लेंगे।
गन्ना आयुक्त के मुताबिक, चीनी मिलें बेची गई चीनी का स्टॉक 15 दिन से ज्यादा नहीं रख सकतीं। जब्त चीनी की बाजार में आपूर्ति से कीमत स्थिर करने में मदद मिलेगी।चीनी की कीमत का निर्धारण आवश्यक है, क्योंकि चीनी मिलों ने कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है और केवल तीन महीनों में 25 अरब रुपये का अनुचित और अनैतिक लाभ कमाया है।
पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के एक वरिष्ठ सदस्य ने स्टॉक उठाने आदि के मुद्दे पर यह कहते हुए टिप्पणी नहीं करना पसंद किया कि मामला विचाराधीन है।प्रांतीय खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, चीनी मिलों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई लाहौर उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप है। लाहौर उच्च न्यायालय ने 4 मई, 2023 के आदेश में कहा है कि, प्रांतीय सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमत तय कर सकती है।उन्होंने कहा, उक्त फैसले के तहत पंजाब सरकार ने चीनी की कीमत तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
31 जुलाई 2023 को जारी अधिसूचना के मुताबिक चीनी की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की खबरें है।चीनी की कीमतें अप्रैल, 2023 के महीने में 100 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई, 2023 के अंतिम सप्ताह में 155 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। इस मूल्य वृद्धि का कोई उचित कारण नहीं है क्योंकि मिलों ने मार्च 2023 के महीने में गन्ने की पेराई पूरी कर ली है।उत्पादन लागत और चीनी मिलों के लाभ मार्जिन आदि को ध्यान में रखते हुए अप्रैल के महीने में चीनी 99 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेची गई थी।