लाहौर: पाकिस्तान किसान आंदोलन के महासचिव, हनीफ गुर्जर ने कहा की, शुगर फैक्ट्रीज कंट्रोल एक्ट में हाल ही में किये गये संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया है। उन्होंने इस अधिनियम संशोधन को किसान विरोधी नीति को करार दिया। उन्होंने कहा कि, मिलों को गन्ने की बिक्री पर किसानों को अच्छी दरें मिल रही हैं। यदि मिलें घाटे में चली जाती हैं तो यह कैसे संभव है कि, मिल किसानों को बेहतर दर दे सके।
उन्होंने दावा किया की, किसान बैंकों के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने के लिए खुश नहीं हैं बल्कि वे अपने उत्पादों के लिए नकद प्राप्त करने के लिए अधिक इच्छुक हैं। गन्ना खरीद रसीद (सीपीआर) में पहले से ही वजन और दर शामिल है जिस पर गन्ना बेचा जाता है। किसानों को बिलकुल ही मालूम नहीं है कि, सरकार का इरादा क्या है। किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। हनीफ गुर्जर ने कहा कि, सभी हितधारकों के लिए समान अवसर मिलने चाहिए।
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