कराची: एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने रमजान 2025 से पहले लाखों रुपये की चीनी जमाखोरी की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, कराची के कोरंगी इलाके में एक गोदाम पर छापेमारी के दौरान करीब 20,000 चीनी की बोरियां जब्त की गईं। छापेमारी सहायक आयुक्त लांधी और अन्य अधिकारियों द्वारा की गई।
इस अभियान में चीनी की बोरियां बरामद की गईं, जो सिंध की नौ चीनी मिलों से जुड़ी थीं। बोरियों पर फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के नकली स्टिकर पाए गए। यह छापेमारी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्देश के बाद शुरू किए गए लक्षित अभियान का हिस्सा थी। एफबीआर और आपूर्ति एवं मूल्य नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारी भी अभियान के दौरान मौजूद थे, जो गोदाम के रिकॉर्ड की जांच कर रहे थे।
अधिकारियों ने बाजार में कीमतों में और बढ़ोतरी को रोकने के लिए बरामद चीनी को सरकार द्वारा स्वीकृत कीमतों पर बेचने का फैसला किया है। इससे पहले, फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफपीसीसीआई) के अध्यक्ष आतिफ इकराम ने रमजान 2025 से पहले घी और खाना पकाने के तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि पर चिंता व्यक्त की।
आतिफ इकराम ने कहा कि, खाद्य तेल आयात की निकासी में देरी हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप आयातकों को लाखों डॉलर का विलंब शुल्क देना पड़ रहा है। इस देरी के कारण घी और खाना पकाने के तेल की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, जिसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। एफपीसीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि, खाद्य तेल की निकासी प्रक्रिया बेहद धीमी है, जिसके कारण सीमा शुल्क और अन्य मुद्दे हैं, जिससे 10 दिनों तक की देरी हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि, यदि रमजान 2025 से पहले स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो खाद्य तेल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
आतिफ इकराम ने उल्लेख किया कि, विलंब शुल्क का भुगतान डॉलर में किया जा रहा है, जिससे घी और खाना पकाने के तेल की लागत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इस मामले को सुलझाने के लिए, एफपीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि वह संभावित समाधानों पर चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह वित्त मंत्री, एफबीआर के अध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।