लाहौर : पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) ने चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए बाजार की ताकतों (market forces) को जिम्मेदार ठहराया है। PSMA के प्रवक्ता ने कहा कि, यह समझने की जरूरत है कि चीनी की खुदरा कीमत चीनी मिलों के नियंत्रण से परे कई हितधारकों को शामिल करने वाली बाजार शक्तियों की परस्पर क्रिया से तय होती है। इसके अलावा, देश में चीनी उत्पादन की बढ़ती लागत पर भी विचार करना जरूरी है।
इसी प्रकार, बैंकों की मार्क-अप दरें 12 प्रतिशत से दोगुनी होकर 25 प्रतिशत हो जाना, श्रम लागत में वृद्धि, डॉलर की दर में अत्यधिक वृद्धि, विभिन्न आयातित रसायनों और मशीनरी के स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में 70-80 प्रतिशत तक की वृद्धि इसके अन्य प्रमुख कारक है। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कीमतों में लगातार वृद्धि के बाद खुदरा बाजार में चीनी की कीमत विभिन्न शहरों और कस्बों में 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, जिसमें लगभग 20 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी देखी गई है।
चीनी उद्योग के अनुसार, निर्माताओं के सामने आने वाली सभी चुनौतियों के बावजूद, देश में अन्य रसोई वस्तुओं की खाद्य मुद्रास्फीति की तुलना में चीनी की कीमत बहुत कम बढ़ी है।