इस्लामाबाद : पाकिस्तान में महिलाओं को कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हालांकि, पाकिस्तान स्थित द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में लिंग आधारित असमानताएं बहुत बड़ी हैं। जैसे भूमि का स्वामित्व, इनपुट, विस्तार और वित्तीय सेवाओं तक सभी जगह लिंग आधारित असमानताएं दिखाई देती है।द प्रिंट में छपी खबर के मुताबिक, सानिया आरिफ ने द नेशन रिपोर्ट में लिखा है कि अध्ययन में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान ने पाया कि जलवायु परिवर्तन से 2050 तक पाकिस्तान की कृषि उपज में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आने का अनुमान है, जो महिलाओं के लिए खाद्य असुरक्षा को और बढ़ा देगा।
पाकिस्तान का कृषि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 18.9 प्रतिशत का योगदान देता है और रोजगार में 42.3 प्रतिशत का योगदान है, जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल है।द नेशन के अनुसार, पाकिस्तान की आधी आबादी अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है, जिसमें गेहूं, कपास, गन्ना, चावल, आम और खजूर का उत्पादन शामिल है।फिर भी, तेजी से बढ़ती जनसंख्या और अपर्याप्त खाद्य उत्पादकता के कारण पाकिस्तान को भारी खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में पाकिस्तान ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 116 देशों में से 92वें स्थान पर है।
खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध के जिलों में सर्वेक्षण करने वाली IPCINFO की एक रिपोर्ट से पता चला है कि, ये सभी क्षेत्र खाद्य असुरक्षा, कुपोषण और गरीबी के उच्च प्रसार का सामना कर रहे हैं।समाचार रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में बाढ़ ने स्थिति को और खराब कर दिया है क्योंकि पाकिस्तान का एक तिहाई क्षेत्र पानी के नीचे चला गया और 1,700 लोग मारे गए और लगभग 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे।रिपोर्ट में कहा गया है, करीब 1.7 करोड़ महिलाओं और बच्चों पर रोकी जा सकने वाली बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।