लाहौर: पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) पंजाब ज़ोन ने दावा किया है कि, चीनी उद्योग संकट की ओर बढ़ रहा है। चीनी के एक्स-मिल मूल्य के निर्धारण के कारण, अधिकांश मिलें बैंक ऋण, किसानों का भुगतान, बिक्री कर बकाया, आयकर भुगतान में विफल होने की संभावना हैं। पंजाब की चीनी मिलों में चीनी के उत्पादन की लागत प्रति किलोग्राम 105.77 रूपये हो गई है। उद्योग मंत्री हम्माद अज़हर, (जो शुगर एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन भी हैं) को संबोधित एक पत्र में, PSMA पंजाब ने उन्हें याद दिलाया कि, उन्होंने नवंबर 2020 में एक पत्र के माध्यम से बिचौलियों और अन्य कई कारकों के कारण गन्ने की कीमतें ऊंची जा रही थीं। हालांकि, सरकार ने जवाब में कहा कि, विपणन कारकों के कारण सरकार गन्ने की कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकता है।
पीएसएमए ने कहा कि, दर तय करने का हालिया सरकारी कदम कर्मचारियों के वेतन को भी प्रभावित करेगा। पत्र में यह भी कहा गया कि, पंजाब प्रांत द्वारा रमाज़न बज़ारों के लिए आवश्यक मात्रा 30,000 टन है जबकि पंजाब सरकार 155,000-टन उठा रही है। इससे निवेशकों को कोटा आवंटन और कालाबाजारी के लिए पंजाब में सब्सिडी वाली चीनी के लिए पंजीकरण करवा कर उन्हें अन्य प्रांतों में पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया। PSMA ने मंत्रालय से इस क्षेत्र विशेषकर पंजाब की मिलों द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाने की मांग की गई।