कोल्हापुर: चीनी और उप-उत्पादों की अच्छी कीमत के कारण इस साल चीनी मिलों के राजस्व और मुनाफे में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी ओर महंगाई से गन्ना किसानों का कहना है वे त्रस्त है। दशहरा और दिवाली त्योहारों के मद्देनजर, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से चीनी मिलों को गन्ना उत्पादकों को दूसरी किस्त में कम से कम प्रति टन 400 रुपये का भुगतान करने का आदेश देने की मांग की है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आश्वासन दिया कि, वह इस संदर्भ में जल्द ही चीनी मिलों को निर्देश देंगे।
महाविकास आघाड़ी सरकार ने गन्ना किसानों को दो चरणों में एफआरपी प्रदान करने का कानून बनाया था। शिंदे -फडणवीस सरकार ने इस कानून में बदलाव कर गन्ना किसानों को एफआरपी का भुगतान एकमुश्त करने का फैसला किया, हालांकि, इस फैसले का संचालन करने की मांग प्रतिनिधिमंडल ने की। प्रतिनिधिमंडल ने आगे कहा की, प्रदेश में चीनी मिलों में गन्ना तौल में फर्जीवाड़ा बढ़ गया है। मिलों के गन्ना तौल को ऑनलाइन करने की मांग की गई है। अजीत पवार ने आश्वासन दिया कि मैं तौल कांटों को ऑनलाइन करने पर जोर दे रहा हूं और चीनी मिलों को मानव रहित तौल कांटे स्थापित करने के निर्देश दिए जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रो.डॉ. जालंधर पाटिल, सावकर मादनाईक, वैभव कांबले, जर्नादन पाटिल, शैलेश आडके, सागर शंभूशेटे, सागर मादनाईक, अन्ना मगदूम और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।