कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र के शाहाबाद क्षेत्र में गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पोक्का बोंग रोग किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। पीड़ित किसानों ने कहा कि, वे रोग को नियंत्रित करने के लिए फफूंदनाशकों और कीटनाशकों पर अतिरिक्त पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन की लागत बढ़ गई है, लेकिन परिणाम खराब रहे हैं और उन्हें उपज में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। टॉप बोरर और पोक्का बोंग दोनों ही रोग फसल के लिए हानिकारक हैं और बाद वाला गन्ने की फसल में भारी उपज हानि के लिए जिम्मेदार है।
इस साल गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि बार-बार स्प्रे करने से उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है और अभी भी कीटों के हमले से राहत नहीं मिल रही है। किसानों ने कहा, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। प्रभावित किसान रामचरण ने कहा, टॉप बोरर और पोक्का बोएंग के साथ-साथ मिलीबग ने भी फसल को प्रभावित किया है। हर बार स्प्रे पर करीब 2500 रुपये प्रति एकड़ खर्च आता है और मजदूर भी स्प्रे करने के लिए 400 रुपये प्रति एकड़ लेते हैं, फिर भी नतीजे निराशाजनक रहे हैं। गन्ना काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है, जिससे किसानों को स्प्रे करवाने में भी दिक्कत आ रही है। इस बीच, कुरुक्षेत्र के सहायक गन्ना विकास अधिकारी बलजिंदर सिंह ने कहा, शाहाबाद में गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पोक्का बोइंग की रिपोर्ट है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। इस साल टॉप बोरर की तुलना में पोक्का बोइंग के मामले अधिक हैं। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और किसानों को तदनुसार सलाह दी जा रही है।