जालंधर: गन्ना किसान और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के 31 संगठनों ने बकाया राशि को लेकर ‘मेगा मीट’ (Mega meet) स्थगित की, लेकिन मांग पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (Doaba) के नेतृत्व में धरना दे रहे किसानों ने कहा कि, सरकार के बकाया भुगतान के आश्वासन के बाद यह फैसला लिया गया है। चीनी मिल की संपत्तियों की नीलामी से 24 करोड़ रुपये मिले है, और 30 अगस्त तक किसानों के बैंक खातों में जमा करने का आश्वासन सरकार ने दिया है। सैकड़ों गन्ना किसान 8 अगस्त से जालंधर-फगवाड़ा राजमार्ग पर गोल्डन संधार चीनी मिल के बाहर अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं, जो पिछले तीन वर्षों से लंबित 72 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग कर रहे है।
द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इससे पहले 12 अगस्त को किसानों ने ट्रैक्टर लाकर फगवाड़ा हाईवे के दोनों ओर जाम लगा दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने राजमार्ग के एक तरफ से आंशिक रूप से नाकेबंदी को इस चेतावनी के साथ हटा लिया कि अगर सरकार ने तब तक उनकी मांगों का जवाब नहीं दिया तो 25 अगस्त को दिल्ली जैसी सभा आयोजित की जाएगी। बीकेयू (Doaba) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय द्वारा जारी एक वीडियो बयान में, उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने हमें बताया है कि हमारा पैसा (गन्ना बकाया) 30 अगस्त तक डिफॉल्ट मिल की जमीन को बेचने के बाद दिया जायेगा। इसलिए फगवाड़ा में होने वाली किसानों की बड़ी सभा स्थगित की जा रही है। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती, तब तक जारी धरना हमेशा की तरह जारी रहेगा। बीकेयू (Doaba) के उपाध्यक्ष दविंदर सिंह ने कहा, मिल की फतेहाबाद जमीन की नीलामी पर लगी रोक को राज्य सरकार ने हटा लिया है। कुछ दिनों पहले हुई बैठक में कृषि मंत्री के साथ बैठक के दौरान हमें आश्वासन दिया गया था कि 30 अगस्त तक हमारे बैंक खातों में 24 करोड़ रुपये आ जाएंगे।