मनिला : चीनी उद्योग आयातित कृत्रिम मिठास (artificial sweeteners) पर अधिक नियंत्रण की मांग कर रहा है, ताकि वे बाजारों में घरेलू रूप से उत्पादित की गई चीनी को और अधिक पीछे न धकेल सकें। एक संयुक्त बयान में, चीनी परिषद और फिलीपींस के चीनी उद्योग यूनियनों की राष्ट्रीय कांग्रेस ने कहा कि, चीनी के विकल्प ने घरेलू बाजार में चीनी की एक बड़ी मात्रा को विस्थापित कर दिया है। पेय पदार्थ निर्माण में उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय कृत्रिम मिठास सुक्रालोज़, एस्पार्टेम और एसेसल्फ़ेम पोटेशियम हैं। फिलीपीन सांख्यिकी प्राधिकरण का हवाला देते हुए, समूहों ने कहा कि, पिछले साल कृत्रिम मिठास का आयात 1.1 मिलियन किलोग्राम तक पहुंच गया। समूहों ने कृषि विभाग से घरेलू रूप से उगाई गई चीनी की खपत पर कृत्रिम मिठास के प्रभाव पर डेटा जारी करने का आग्रह किया।
चीनी परिषद और फिलीपींस के चीनी उद्योग यूनियनों की राष्ट्रीय कांग्रेस ने कहा की, (इससे) स्थानीय रूप से उत्पादित चीनी की बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता कम हो जाएगी, खासकर बढ़ती उत्पादन लागत के सामने। इसमें यह भी कहा गया है कि, अनियमित आयात से खेत, मिल और जैव ईंधन उद्योग के कर्मचारी विस्थापित हो सकते हैं। इससे पहले, फिलीपींस के यूनाइटेड शुगर प्रोड्यूसर्स फेडरेशन ने गन्ना चीनी के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले अन्य स्वीटनर के विनियमन को बढ़ाने का आह्वान किया था। कृषि सचिव फ्रांसिस्को पी. टियू लॉरेल, जूनियर ने चीनी उद्योग के साथ बैठक के बाद जांच का आदेश दिया। लॉरेल ने चीनी नियामक प्रशासन को अन्य स्वीटनर की वास्तविक मात्रा की जांच करने का आदेश दिया और यदि आवश्यक हो, तो उन्हें भी मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता बताई।