पीलीभीत (उत्तर प्रदेश): भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह ने गुरुवार को पूरनपुर तहसील क्षेत्र के उन किसानों के लिए मुआवजे की मांग की, जो मिल संचालन में देरी के कारण इस साल अपनी गन्ने की फसल समय पर नहीं काट सके। इससे गेहूं की फसल की बुआई प्रभावित हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए एक ज्ञापन में उन्होंने कहा कि, पूरनपुर सहकारी चीनी मिल का संचालन इस साल 5 दिसंबर को बहुत देर से शुरू हुआ, जबकि यहां की दो निजी चीनी मिलें, एलएच चीनी मिल और बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल नवंबर में शुरू हुई।
मंजीत सिंह ने कहा कि, गेहूं की फसल आम तौर पर गन्ने की फसल की कटाई के बाद नवंबर के पहले और तीसरे सप्ताह के बीच बोई जाती है, लेकिन मिल के विलंबित संचालन ने किसानों को इस समय से वंचित कर दिया। उन्होंने दावा किया कि, बॉयलर में तकनीकी खराबी के कारण छह दिसंबर को संयंत्र ने 10 घंटे से अधिक समय तक काम करना बंद कर दिया था।
उन्होंने कहा, हम प्रति हेक्टेयर कम से कम 50 क्विंटल गेहूं के औसत उत्पादन के हिसाब से खोई हुई गेहूं की फसल के बदले मुआवजे की मांग कर रहे हैं। हम जिला कृषि द्वारा गणना के अनुसार उत्पादन लागत में कटौती के बाद एमएसपी पर मुआवजा चाहते है।