बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार राज्य के गन्ना उत्पादक क्षेत्र मांड्या में स्थित पांडवपुरा और माईशुगर चीनी मिलों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलाने की योजना बना रही है।
चीनी मंत्री शिवराम हेब्बार ने बताया कि ये दोनों चीनी मिलें पिछले कई सालों से वित्तीय घाटे का सामना कर रही हैं तथा उन्हें चलाने के लिए काफी धन खर्च करने की जरूरत है, जो सरकार नहीं कर सकती। इसलिए इन दोनों मिलों को निजी पार्टियों को बेच देने या पीपीपी मॉडल पर चलाने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत इन मिलों की मरम्मत कराने के साथ ही इनकी गन्ना पेराई क्षमता और उत्पादन शक्ति को बढ़ाने के कदम भी उठाए जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विगत 10 वर्षों में मैसुगर मिल पर 428 करोड़ की राशि खर्च की गई। इस मिल को 1934 में स्थापित किया गया था तथा इन वर्षों में यह मिल मांड्या और श्रीरंगपटना तालुकों के 100 से भी ज्यादा गांवों के गन्ना उत्पादक किसानों और उनके परिवारों के लिए आजीविका का स्रोत बन चुकी है।
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