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मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र सरकार अपने एक फैसले से काफी सुर्ख़ियों में है, जो फैसला प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ घोषणा के काफी अनुरूप है। राज्य सरकार ने राज्य में वित्तीय संकट में पाए गए 15 सहकारी चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन 15 मिलों में से अधिकांश 8 मिलें भाजपा से संबंधित नेताओं की हैं। इसके बाद, चार मिले एनसीपी, एक कांग्रेस, एक शिवसेना, और शेष एक व्यक्ति की है, जिसका किसी भी पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है।
15 में से 14 मिलों के ऊपर वित्तीय संस्थाओं का तकरीबन 758 करोड़ रुपए की ऋण है। उन 14 मिलों को सरकार की गारंटी के बिना वित्तीय संस्थाओं के मदद से ऋण पुनर्गठन करना होगा। सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा की, चीनी मिलों सहायता करने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति का प्रधान सचिव ने नेतृत्व किया था। इस समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए किसानों के हित के लिए आर्थिक रूप से मुसीबत में फंसी 15 चीनी मिलों का मदद करने का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
14 मिलों में से 9 भाजपा नेताओं के कब्जे में…
15 नासिक जिले की के.के. वाघ चीनी मिल विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे , कलवन की वसंतदादा मिल मंत्री सुभाष देशमुख के करीबी अभिजीत पाटिल, पैठन की संत एकनाथ और जालना की रामेश्वर चीनी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तथा सांसद रावसाहेब दानवे और बीड की वैद्यनाथ मिल मंत्री पंकजा मुंडे के कब्जे में है। सोलापुर की कुर्मदास चीनी मिल कांग्रेस के पूर्व विधायक और मौजूदा भाजपा नेता धनाजी साठे के कब्जे में है। इन सभी चीनी मिलों को सरकार के इस फैसले फायदा होनेवाला है।
कौन कौन सी मिलों को होगा फायदा…
राजारामबापू पाटिल (राकांपा, सांगली), भीमा- पाट्स (भाजपा, पुणे ), डॉ. बी.बी. तनपुरे (कांग्रेस, अहमदनगर), के.के. वाघ (भाजपा, नासिक) वसंतदादा पाटिल (भाजपा, नासिक), संत एकनाथ (औरंगाबाद, भाजपा), शरद ( शिवसेना, औरंगाबाद), सिद्धेश्वर (भाजपा, सिल्लोड), अंबाजोगाई (भाजपा, बीड), वैद्यनाथ (भाजपा, बीड),वसंत (राकांपा, यवतमाल), रामेश्वर (भाजपा, जालना), संत कुर्मदास (भाजपा, सोलापुर), हनुमान (राकांपा, हिंगोली), डॉ अम्बेडकर (उस्मानाबाद)
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