नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने संसदीय पैनल को सूचित किया कि, मंत्रालय उन राज्यों में श्रमिकों के लिए उचित मुआवजे पर जोर देगा, जिन्होंने कारखाना कानूनों में बदलाव किया है। चूंकि मई में उत्पादन शुरू होने के बाद कारखानों में कामगारों की मांग बढ़ गई थी, इसलिए कई राज्यों ने कर्मचारियों की कमी से निपटने में उद्योगों की मदद करने के लिए श्रम कानून में बदलाव लाकर काम का वक्त 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे तक करने की छूट दी थी।
श्रम सचिव हीरालाल सामरिया ने श्रम पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि यदि कोई उद्योग श्रमिकों को अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए कहता है, तो उसे दैनिक मूल वेतन का 200% भुगतान करना होगा, जैसा कि प्रत्येक अतिरिक्त घंटे में कानून में निर्धारित है। इतना ही नहीं समारिया ने यह भी कहा कि अगर कोई कर्माचारी छुट्टी के दौरान ड्यूटी करता है , तो कर्मचारी को उसके मूल का 300% अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
आपको उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने कोरोना संकट के दौरान श्रम कानूनों में ढील दी है।
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