करनाल : देश भर में कम लागत में गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। चीनी के साथ साथ एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने और 2025 तक E20 लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र और देश के सभी राज्य सरकारों द्वारा गन्ना उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हरियाणा में भी चीनी मिलों, कृषि अधिकारियों और किसानों को प्रशिक्षण देने की तैयारी चल रही है।
गन्ने का बीज तैयार करने की पुरानी पद्धति को बदलने पर जोर दिया जा रहा है। क्षेत्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार अब किसानों को स्वयं वैज्ञानिक तरीके से गन्ना बीज उगाने से गन्ने की पैदावार डेढ़ गुना तक बढ़ सकती है। इसके लिए वैज्ञानिकों की ओर से हरियाणा सहित देश के देश के सभी गन्ना उत्पादक राज्यों की चीनी मिलों, कृषि अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों को विशेष प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, क्षेत्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके पांडेय ने कहा कि इससे गन्ना की पैदावार घटती जाती है और रोग बढ़ते जाते है। यदि किसान गन्ने का बीज खुद ही तैयार करें तो गन्ने की उपज डेढ़ गुना तक बढ़ सकती है। गन्ने की बुवाई अब अक्टूबर में की जाएगी, इसलिए अभी से किसानों को जागरूक करना बेहद आवश्यक है।