मेरठ : रिकार्ड चीनी उत्पादन के साथ 2019-20 गन्ना सीजन खत्म हो चूका है, और उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने अगले पेराई सीजन की तैयारी भी शुरू की है। बिजनौर जिले में लगातार बढ़ते गन्ना रकबे और पैदावार को देखते हुए मिलें इस साल चौकस हो गई हैं। मिलों ने अगले पेराई सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
मिलों में मरम्मत का काम शुरू हो गया है ताकि आगमी पेराई सत्र में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। साथ ही साथ गन्ना सर्वे का काम भी चल रहा है। बिजनौर की चीनी मिलों ने 2019-20 पेराई सत्र अक्टूबर में शुरू कर दिया था। गन्ने के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण लॉकडाउन के बिच में मिलों द्वारा पेराई जारी रहा और पेराई सत्र जून तक चला। गन्ने की बंपर पैदावार के अनुमान के चलते चीनी मिलों ने पेराई सत्र खत्म होते ही अगले पेराई सत्र की तैयारी शुरू कर दी है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, यह अनुमान है की देश में अग्रणी गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 22.92 लाख हेक्टेयर तक रह सकता है, जबकि सीजन 2109-20 सीजन में 23.21 लाख हेक्टेयर था। 2019-20 सीजन की तुलना में गन्ना क्षेत्र में लगभग 1% की मामूली कमी है। लेकिन 2020-21 में ISMA उपज में मामूली वृद्धि के साथ-साथ चीनी की रिकवरी की भी उम्मीद कर रहा है। 2020-21 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन लगभग 123.06 लाख टन होने का अनुमान है, जो वर्तमान 2019-20 सीजन के 126.45 लाख टन (इथेनॉल में डायवर्जन के बाद) से थोडा कम होगा।
2019-20 में धामपुर, स्योहारा, बिलाई, बहादरपुर, बरकातपुर, बुंदकी, चांदपुर, बिजनौर, नजीबाबाद आदि सभी मिलों ने पेराई में बढ़ चढकर हिस्सा लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिजनौर चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक राहुल चौधरी का कहना है कि इस बार गन्ना रकबा बढ़ने का अनुमान है। इसी को देखते हुए आगामी पेराई सत्र में चीनी मिल जल्दी चलाने की तैयारी की जा रही है। मिल में मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
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