महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के चलते गन्ना पेराई सत्र शुरू होने में अनिश्चितता

पुणे: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने से 2019-20 गन्ने की पेराई सत्र की शुरुआत को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। राज्य में चीनी मिलों की समिति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों की एक समिति गन्ने की पेराई के लिए तारीख तय करती है। राष्ट्रपति शासन के कारण यह समिति गठित नहीं हो सकी है।

चीनी आयुक्त कार्यालय चीनी मिलों को पेराई शुरु करने का लाइसेंस जारी करता है और यह चेक करता है कि क्या चीनी मिलों ने सभी कानूनी दायित्वों और किसानों के बकाये को पूरा किया है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा निर्धारित तिथि से पहले परिचालन शुरू करने वाली चीनी मिलों को जुर्माना भरना पड़ता है।

आपको बता दे, चीनी आयुक्तालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सिफारिश की है कि पेराई सत्र 25 नवंबर से शुरू करने की अनुमति दे।

वेस्टर्न इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी बी थोम्बारे ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में, पेराई कार्यों को शुरू करने में देरी उद्योग के लिए हानिकारक होगी। कटाई करने वाले कारीगरों जिनको पहले ही पारिश्रमिक दे चुके हैं, वे दूसरे राज्यों में जाने लगे हैं। मराठवाड़ा की कुछ मिलें पेराई सत्र के लिए आधिकारिक तारीख की प्रतीक्षा किए बिना 15 नवंबर से ही परिचालन शुरू कर सकती है।

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