सरकारी प्रतिबंधों के खबर के बाद ये एथेनॉल-चीनी स्टॉक में दबाव

नई दिल्ली : घरेलू बाजार में चीनी की कमी से जूझ रहे भारत की गन्ने से एथेनॉल उत्पादन पर अंकुश लगाने की योजना के बाद 7 दिसंबर को चीनी और एथेनॉल निर्माताओं जैसे कि बलरामपुर चीनी मिल्स, डालमिया भारत शुगर, श्री रेणुका शुगर्स और त्रिवेणी इंजीनियरिंग की कीमतों में 3 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

गन्ने का उपयोग करके एथेनॉल उत्पादन पर अंकुश लगाने का सरकार का कदम भारत में अनियमित मानसून के कारण गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचने के बाद आया है, जिससे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक भारत को निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया है।

आंकड़ों से पता चलता है कि, पिछले एक हफ्ते में, बलरामपुर चीनी मिल्स, डालमिया भारत शुगर, श्री रेणुका शुगर्स और त्रिवेणी इंजीनियरिंग के शेयरों में 1 प्रतिशत से 8 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एथेनॉल-प्लांट निर्माता प्राज इंडस्ट्रीज में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसकी तुलना में, इसी अवधि के दौरान एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गन्ने के रस और बी-हैवी मोलासेस से कोई एथेनॉल नहीं खरीदा जाएगा। हालांकि, सी-हैवी मोलासेस  से एथेनॉल को प्रोत्साहित किया जाएगा। पिछली तिमाहियों में एथेनॉल में डायवर्जन काफी सार्थक रहा है और चीनी कंपनियों के लिए मार्जिन बढ़ा है।

कई चीनी कंपनियां अपनी कमाई के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए एथेनॉल उत्पादन पर निर्भर हैं। प्राज इंडस्ट्रीज की बात की जाये तो, कंपनी के पास भारत में घरेलू एथेनॉल संयंत्रों के निर्माण में एक मजबूत नेतृत्व है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 60-65 प्रतिशत है।वित्त वर्ष 2023-24 की सितंबर में समाप्त तिमाही में कंपनी ने अपनी 75 प्रतिशत आय बायो-एनर्जी सेगमेंट से अर्जित की।

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