बेलगावी : चीनी मंडी
महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी बाढ़ में बड़ी मात्रा में गन्ना फसल को नुकसान हुआ है। कर्नाटक में गन्ना उपज में कमी का अनुमान लगाया गया हैं, जिसके चलते कर्नाटक सरकार ने राज्य में गन्ने के परिवहन पर प्रतिबंध (झोनबंदी) लगाने का फैसला किया है। इससे महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्र कि चीनी मिलें प्रभावित होने की संभावना है। क्योंकि इस साल भारी बाढ़ के कारण सांगली, कोल्हापुर जिले में भी गन्ने का उत्पादन काफी मात्रा कम होने की संभावना है और अब कर्नाटक द्वारा ‘झोनबंदी’ कानून लागू करने से इस सीजन में कोल्हापुर जिले के सीमावर्ती मिलों को गन्ने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।कर्नाटक सरकार के इस फैसले के खिलाफ गुस्साए गन्ना किसान व्यापक लड़ाई की तैयारीयों में जुट गयें है।
पिछले साल कर्नाटक में भयंकर सूखे के कारण गन्ने के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। नतीजतन, कर्नाटक और महाराष्ट्र के सभी मिलों को अपने पेराई सीज़न के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काफी मुशक्कत करनी पड सकती है।
गन्ना उत्पादन में कमी के कारण कर्नाटक के गन्ना किसान महाराष्ट्र कि मिलों को गन्ना भेजने के लिए तैयार हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि, महाराष्ट्र की मिलें कर्नाटक कि मिलों की तुलना में प्रतिटन 400 से 500 रूपये तक ज्यादा और समय पर भुगतान करती हैं।
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