बिद्री चीनी मिल के श्रमिकों का निदेशक मंडल को घेराव…

कोल्हापुर : चीनी मंडी

बिद्री चीनी मिल ने राज्य सबसे ज्यादा दर दिया है, सिवाय मिल द्वारा किसीका भी भुगतान बकाया नही है, इसलिए मिल को किसानों के लाभ के लिए तुरंत शुरू करना होगा। जब मिल किसानों को अपेक्षित दर का भुगतान कर रही है, तो ऐसे स्थिती में मिल को बंद करना सदस्यों और गन्ना उत्पादकों के लिए नुकसानदेह होगा। इसके लिए, मिल को किसी भी तरह शुरू किया जाना चाहिए, इस मांग को लेकर बिद्री मिल के श्रमिकों ने निदेशक मंडल की घेराबंदी कर दी, और चेतावनी दी कि हम मंगलवार से मिल का कामकाज शुरू कर देंगे। मिल के अध्यक्ष और पूर्व विधायक के. पी. पाटिल ने श्रमिक और कार्यकर्ताओं की बात सुनी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

हालांकि, स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के 23 नवंबर को होनेवाले गन्ना परिषद में दरों का ऐलान होगा, तब तक मिल शुरू करना मुश्किल होगा। बालासाहेब फरकटे ने कहा की, इस वर्ष भारी वर्षा के कारण गन्ने की फसल का उत्पादन कम हुआ है और रिकवरी और वजन में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इससे किसानों का नुकसान हुआ है। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के आंदोलन का असर बिदरी मिल की आर्थिक गति पर भी पड़ेगा। इसलिए, संघठन को अच्छी तरह से चलने वाली बिद्री चीनी मिल को बंद नही करना चाहिए। उन्होंने कहा, निदेशक मंडल को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, अन्यथा श्रमिक मिल शुरू किए बिना नहीं बैठेंगे।

गन्ना परिवहन संघ के नेता वसंतराव शिंदे ने कहा कि, बिदरी ने लगातार एफआरपी की तुलना में अधिक दरों को वितरित किया है। गन्ना कटाई मजदूर काम की तलाश में अन्य मिलों का रुख करने की संभावना है। यह मिल के समग्र प्रदर्शन पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, मिल शुरू करना आवश्यक है।

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