पंजाब: गन्ने का रकबा घटा, लेकिन चीनी रिकवरी में बढ़ोतरी

चंडीगढ़: पंजाब में इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक गन्ने की रिकवरी दर्ज की गई, जबकि पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन के तहत क्षेत्र में कमी आई है। घटते रकबे के पीछे प्रमुख कारण कई चीनी मिलों द्वारा गन्ने के भुगतान में देरी है। इस वर्ष फसल का कुल क्षेत्रफल 88,000 हेक्टेयर (2,17,360 एकड़) और प्रति हेक्टेयर औसत उपज 835.92 क्विंटल (338.42 क्विंटल प्रति एकड़) थी। 27 मार्च तक प्रदेश की 16 चीनी मिलों में सहकारी क्षेत्र की नौ और निजी क्षेत्र की सात चीनी मिलों ने 596.7 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करके 54.5 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन 9.31 प्रतिशत चीनी रिकवरी रेट से किया है, जो पिछले साल 9.02 प्रतिशत था।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस वर्ष गन्ने की अगेती किस्म के लिए 360 रुपये प्रति क्विंटल, मध्यम और पछेती किस्मों के लिए क्रमश: 350 रुपये प्रति क्विंटल और 345 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले साल की तुलना में सभी किस्मों के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सरकार ने राज्य में गन्ने की कीमतों में वृद्धि की थी। इस सीजन में गन्ना उत्पादकों को कुल 2,130.63 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है, जिसमें से 27 मार्च तक 1,263.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और शेष 867.13 करोड़ रुपये अभी भी चीनी मिलों के लिए लंबित हैं। साथ ही मिलों को वर्ष 2020-21 और 2019-20 के लिए क्रमश: 7.71 करोड़ रुपये और 30.57 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करना बाकी है। इसके साथ ही चीनी मिलों पर 900 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।

पंजाब फसल के रकबे को 2 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि पिछले पांच साल से लगातार फसल का रकबा गिर रहा है। 2017-18 में गन्ने का रकबा 97,000 हेक्टेयर था जो 2018-19 में 95,000 हेक्टेयर, 2019-20 में 91,000 हेक्टेयर, 2020-21 में 89,000 हेक्टेयर और इस सीजन में यह 88,000 हेक्टेयर है। लेकिन घटते रकबे के बावजूद प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार बढ़ रही है और पिछले पांच वर्षों में यह 800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक दर्ज की गई है, जो 2020-21 में उच्चतम 838.41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और इस वर्ष दूसरा सबसे अधिक है। साथ ही 2017-18 में प्रति हेक्टेयर 833 क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ था। चीनी रिकवरी भी 2018-19 में 9.52 प्रतिशत और इस साल 9.31 प्रतिशत रही।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here