चंडीगढ़ : एथेनॉल डिस्टिलेशन प्लांट लगाने के लिए पंजाब देश में पसंदीदा राज्यों में से एक साबित हो रहा है। पानी और खाद्यान्न की प्रचुर आपूर्ति पंजाब में एथेनॉल संयंत्र स्थापित करने में उद्योग की रुचि का प्राथमिक कारण है। गेहूं, धान, मक्का और गन्ना, जो राज्य में आसानी से उपलब्ध हैं, उद्योग के लिए प्रमुख कच्चे माल के रूप में हैं।
Hindustantimes.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, करीब 25 व्यावसायिक घरानों ने राज्य के आबकारी और कराधान विभाग (State’s excise and taxation department) से संपर्क किया है और एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए रुचि दिखाई है। राज्य में गेहूं, धान, मक्का और गन्ना प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, प्रत्येक संयंत्र के लिए 20 से 35 एकड़ की आवश्यकता होती है, जो राज्य में उपलब्ध है।
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है, जो वाहनों के ईंधन लागत को कम करने और माइलेज बढ़ाने में मदद करता है। वर्तमान में, देश में 200 एथेनॉल प्लांट हैं। इनमें चार डिस्टिलरीज पंजाब में हैं। राज्य में अधिक संयंत्रों की स्थापना के साथ, देश की क्षमता 775 करोड़ लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे विदेशी मुद्रा के 30,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
विभाग के संयुक्त आयुक्त नरेश दुबे ने कहा की, देश में वर्त्तमान में 8.5% एथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जा रहा है और यह 2025 तक 20% तक पहुंचने की उम्मीद है। यह क्षेत्र निश्चित रूप से भविष्य में एक फलता-फूलता व्यवसाय बन जाएगा।