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भोपाल, 18 मार्च, लोकसभा चुनावों में रजिस्टर्ड एवं गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों को दिए जाने वाले चुनाव चिन्हों में खेतीबाडी औऱ कृषि व्यवसाय से जुड़े चुनाव चिन्ह नेताओं के लिए खास आकर्षण का केन्द्र बने हुए है। निर्वाचन विभाग की और से जारी चुनान चिन्हों में गन्ना किसान, सेब, अदरक, कटहल और सूप जैसे चिन्ह लेने के लिए राजनेताओं में होड मची है। इसकी खास वजह ये है कि ये चिन्ह गांव,गरीब और किसानों के सीधे जुडे है जिनकों आम जनता आसानी से समझ जाती है। इसलिए इन चिन्हो को लेने के लिए चुनावी मौदान में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी खास रूचि ले रहे है।
गौरतलब है कि विधानसभा के निर्वाचन एवं उप निर्वाचन में अभ्यर्थियों को प्रतीकों का आवंटन किया जाता है। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों को उनके लिये आरक्षित प्रतीक आवंटित किये जाते है। जबकि रजिस्टर्ड एवं गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों तथा निर्दलीय अभ्यर्थियों को आवंटित करने के लिये आयोग द्वारा मुक्त प्रतीकों की सूची अधिसूचित की जाती है। विगत विधानसभा निर्वाचन 2018 में आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की संख्या 162 थी, लेकिन इस बार लोकसभा निवार्चन 2019 में आयोग की अधिसूचना द्वारा ‘वर्ग में हल जोतता किसान’ को विलोपित किया जाकर 37 नये मुक्त प्रतीक अधिसूचित किये गये हैं। इस प्रकार मुक्त प्रतीकों की कुल संख्या 198 हो चुकी हैं। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि 37 नये मुक्त प्रतीकों में गन्ना किसान, सेब, अदरक, कटहल, सूप, हैलीकॉप्टर, तुरही बजाता आदमी, ब्रेड टोस्टर, सीसीटीवी कैमरा, कम्प्यूटर, कम्प्यूटर माउस, दरवाजे का हैंडल, कान की बालियाँ, फुटबॉल, लेडी पर्स, हाथ गाड़ी, रेत घड़ी, केतली, फुटबॉल खिलाड़ी, किचन सिंक, लैपटॉप, लूडो, पेन ड्राइव, टी.वी. रिमोट, रोबोट, रबड़ की मुहर, पानी का जहाज, सितार, शटर, सोफा, स्पैनर, स्टम्प्स, स्विच बोर्ड, भाला फेंक, चिमटा, टयूब लाइट एवं पानी का टैंक सम्मिलित किये गये हैं। लेकिन ग्रामीण वोटों को साधने के चक्कर नें प्रत्याशी गन्ना किसान, सेब, अदरक और कटहल को लेकर काफी रुची दिखा रहे है।
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