गांधीनगर : राज्य सरकार का प्राथमिक अनुमान है कि, मध्य और दक्षिण गुजरात में भारी बाढ़ के कारण लगभग 50,000 हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हुई है। मध्य गुजरात में बागवानी की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जबकि दक्षिण गुजरात में तिलहन, अनाज और दालों को भारी नुकसान की आशंका है। राज्य में गन्ना फसल को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
फिलहाल गन्ने की खेती को नुकसान हुआ है या नहीं इसकी कोई पुस्टि नहीं हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, मध्य और दक्षिण गुजरात में कपास की बुवाई 1,22,000 हेक्टेयर, सोयाबीन की 29,600 हेक्टेयर और 77,700 हेक्टेयर में धान की खेती होती है। किसानों को डर है कि अगर अधिक समय तक पानी का ठहराव रहा, तो इससे इन फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।छोटा उदयपुर जिले में 11 जुलाई तक 81,100 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी जिसमें 26,600 हेक्टेयर में बागवानी शामिल है। प्राथमिक अनुमान है कि भारी बारिश से 20,000 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है। नर्मदा जिले में 68,764 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है, जिसमें 9,610 हेक्टेयर में बागवानी फसलें शामिल हैं। कम से कम 10 प्रतिशत बागवानी फसल क्षतिग्रस्त हो गई है।