राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि, केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पिछले पांच वर्षों में किस तरह से किसानों की आय को दुगुना करने के लिए कितने कदम उठाए गए हैं।
मीडिया के सामने बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा, “किसानों की आय को दुगुना करने के बारे में बात करना आसान है। पिछले पांच वर्षों में, भारत सरकार को बताना चाहिए कि इस दिशा में कितने कदम उठाए गए हैं।”
साथ ही उन्होंने कहा की, हम किसानों के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। हम किसानों को अच्छे बीज और उर्वरक प्रदान कर रहे हैं। यदि हमारी सरकार वापस सत्ता में आती है, तो हम माइक्रो इरिगेशन पर जोर देंगे।
पिछले वर्ष 2022 में SBI रिसर्च द्वारा आयोजित एक अध्ययन द्वारा पता चला कि, कुछ राज्यों में कुछ फसलों के लिए किसानों की आय दोगुनी हो गई है। 2017-18 से 2021-22 तक महाराष्ट्र में सोयाबीन के किसानों की आय और कर्नाटक में कपास के किसानों की आय दोगुनी हो गई है, जबकि अन्य सभी मामलों में आय 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी है।
अध्ययन में राजस्थान में गेहूं के किसानों की औसत आय इस अवधि में 1.3 गुना बढ़ी है, जबकि गुजरात में मूंगफली के किसानों की आय 1.5 गुना बढ़ी है।
यह अध्ययन भारतीय स्टेट बैंक के कृषि पोर्टफोलियो के प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित था, जिसमें कृषि-प्रभावी शाखाओं से विभिन्न फसलों के तत्वरूपी आंकड़े शामिल थे साथ ही इसमें बीते पांच सालों में किसानों की आय में किये गए परिवर्तन का उल्लेख किया गया था।
2016 में भारत सरकार ने “किसानों की आय को दुगुना करने” (DFI) से संबंधित मुद्दों की जांच करने और इसे प्राप्त करने के लिए रणनीतियों की सिफारिश करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया था और समिति ने सितंबर, 2018 में अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की थी, जिसमें 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के लिए रणनीति शामिल थी।