कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता, पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने गन्ने की कीमतों को लेकर किसान संगठन और मिल संचालकों के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए जिला संरक्षक मंत्री हसन मुश्रीफ द्वारा रखे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। गतिरोध खत्म करने के लिए मुश्रीफ ने किसान संगठन के प्रतिनिधियों, चीनी मिल मालिकों और अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी।
चीनी मिल मालिकों की ओर से मुश्रीफ ने जिला कलेक्टर राहुल रेखावार के अधीन एक पैनल के गठन का प्रस्ताव रखा उन्होंने कहा, पैनल में दोनों पक्षों के प्रतिनिधि होंगे, जो मिलों के खातों की जांच करेंगे। यदि मिलें पिछले सीज़न के लिए किसानों को अतिरिक्त राशि का भुगतान करने की स्थिति में होगी, तो मैंने मिल मालिकों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से ऋण देने की गारंटी दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मौजूदा सीजन के लिए हमने प्रस्ताव दिया है कि मिलें किसानों को एक किस्त में 3,100 रुपये प्रति टन से कम भुगतान न करें। मंत्री मुश्रीफ ने कहा की, राजू शेट्टी ने एक पैनल गठित करने के निर्णय को स्वीकार कर लिया है जो अगले पांच दिनों में कार्य पूरा कर लेगा।
शेट्टी के विरोध प्रदर्शन ने चीनी मिल मालिकों को अपना परिचालन बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है। चीनी मिल मालिकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि, वे पिछले साल पेराई किये गए गन्ने के लिए 400 रुपये प्रति टन का भुगतान करने की वित्तीय स्थिति में नहीं हैं और अगर उन्हें पेराई शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई, तो मिलें दिवालिया हो जाएंगी।
मंत्री मुश्रीफ ने कहा, कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों की मिलें रोजाना हजारों टन गन्ना पेराई कर रही हैं। गन्ना काटने वाले लोग कर्नाटक का रुख कर रहे हैं क्योंकि उन्हें कोल्हापुर जिले में काम नहीं मिल रहा है। अगर उन्होंने तुरंत पेराई शुरू नहीं की तो कोल्हापुर में चीनी उद्योग गंभीर समस्याओं में फंस जाएगा। इस बीच, मीडिया से बात करते हुए शेट्टी ने स्पष्ट रूप से कहा कि, उन्होंने मिल मालिकों द्वारा रखे गए किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। हमने जिला कलेक्टर के अधीन पैनल बनाने से इनकार कर दिया है। हम रविवार को चक्का जाम आंदोलन करने जा रहे है। शेट्टी ने कहा, हम मिलों तक गन्ना परिवहन को रोकना जारी रखेंगे।