राकेश टिकैत का कृषि कानूनों के बाद अब गन्ना भुगतान मुद्दे पर फोकस

गाजियाबाद: गन्ना भुगतान और उसपर ब्याज को लेकर उत्तर प्रदेश में माहौल गरम है। किसान संघटन अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर रही है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने गुरुवार को घोषणा की कि, वह किसानों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश में अगस्त से जिला स्तरीय बैठकें शुरू करेगा।अभियान का फोकस उत्तर प्रदेश की उच्च बिजली दरों और लंबित गन्ना बकाया मुद्दे को उठाना है। बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, अभियान की रणनीति पर चर्चा के लिए 11 जुलाई को उनके किसान संघ की मंडल स्तरीय (जोनल स्तरीय) समितियों की एक बड़ी बैठक होने वाली है।

टिकैत ने गाजीपुर सीमा पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अभियान राज्य के 18 मंडलों में फैले प्रत्येक जिले में एक अगस्त से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि, एक अगस्त से मंडल स्तरीय समितियां अपने क्षेत्र के प्रत्येक जिले में तीन कृषि कानूनों की समस्याओं को उजागर करने के लिए काम करेंगी।

आपको बता दे, कई और किसान संघटन गन्ना भुगतान के मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठा रहे है। उत्तर प्रदेश में लंबित गन्ना भुगतान को लेकर किसानों में नारजगी है। बकाया भुगतान की मांग को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरकेएमएस) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चल रहा है। संगठन ने मिलों के पास लंबित किसानों के गन्ना बकाया पर ब्याज का भुगतान करने की मांग की है। संगठन ने 15 जुलाई को ‘लखनऊ मार्च’ का आह्वान किया है और मार्च में भाग लेने के लिए किसानों को जुटाने के लिए पूरे गन्ना क्षेत्र में किसानों की एक महापंचायत बुलाई है। संगठन के अध्यक्ष वी एम सिंह ने अब तक बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और मेरठ में पंचायतें बुलाई हैं और 12 जुलाई तक पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में भी इसी तरह की पंचायतें बुलाने की योजना है।

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